
बैपटिस्ट जमीन की 12 कैनाल, 11 मरले जमीन की फर्जी दस्तावेजों की रजिस्ट्री में संलिप्त थे दोनों आरोपी
- वर्ष 2022 में तत्कालीक तहसीलदार सहित 8 लोग पहले ही किए जा चुके है गिरफ्तार
- रजिस्ट्री क्लर्क विकास ने फर्जी दस्तावेज चैक किए बगैर कंप्यूटर में किया था फीड : इंस्पेक्टर कुलवंत
- ओमबीर नंबरदार ने क्रेता व विक्रेता को बगैर जान-पहचान कर वैरीफाई कर किए थे हस्ताक्षर
- तहसीलदार से भी बड़े औदे के उच्च अधिकारियों तक भी पहुंची थी मामले की आंच
भिवानी (सच कहूँ न्यूज़)। Bhiwani News: भिवानी शहर के बीचख्करोड़ों की जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में रजिस्ट्री क्लर्क विकास व ओमबीर नंबरदार को तीन साल बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने पकडऩे में सफलता हासिल की है। आज इन्हे न्यायालय में पेश किया गया है। करोड़ों की इस जमीन मामले में तहसीलदार सहित 8 लोगों को पकड़ा जा चुका है। वर्ष 2022 में भिवानी के बैपटिस्ट चर्च की 12 कनाल, 11 मरले जमीन फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को बेचने का कार्य किया गया था। Bhiwani News
जिसकी शिकायत दिल्ली निवासी सुमित द्वारा किए जाने के बाद यह मामला संज्ञान में आया। क्योंकि सुमित के पास इस जमीन की पॉवर ऑफ एटर्नी थी। एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर कुलवंत ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि रजिस्ट्री क्लर्क विकास व ओमबीर नंबरदार को वर्ष 2012 के एक जमीन हस्तांतरण के मामले में गिरफ्तार किया है। ये पिछले तीन साल से फरार चल रहे थे। विकास ने फर्जी दस्तावेज को बगैर चैक किए कंप्यूटर में फीड करवाया था तथा ओमबीर नंबरदार ने जमीन के क्रेता व विक्रेता को बगैर जान-पहचान के साईन किए थे। इस मामले में तत्कालीक तहसीलदार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। Bhiwani News
इनको अब गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। इस मामले में कुल 8 लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गौरतलब है कि बैपटिस्ट चर्च की 12 कैनाल, 11 मरले जमीन के इस घोटाले की आंच तत्कालीक उच्च अधिकारियों पर भी गई थी। अधिकत्तर उच्च अधिकारी इस मामले में बच निकले, लेकिन एक तहसीलदार को जरूर गिरफ्त में लिया गया तथा निचले स्तर के कुल 9 अधिकारी व कर्मचारी इस मामले में अब तक गिरफ्तार हो चुके है।
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