गाजियाबाद (सच कहूँ/अनु सैनी)। BCCI News: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) आज दुनिया का सबसे अमीर और ताकतवर क्रिकेट बोर्ड है। इसका बजट, टूर्नामेंट्स और मीडिया राइट्स हजारों करोड़ रुपये के होते हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि इसके पदों को लेकर हमेशा चर्चा रहती है, खासकर अध्यक्ष (President) और सचिव (Secretary) के बीच असली ताकत किसके पास है।
अध्यक्ष – बोर्ड का चेहरा और प्रतिनिधि
BCCI अध्यक्ष को बोर्ड का औपचारिक चेहरा माना जाता है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर BCCI का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी अध्यक्ष की होती है। ICC की बैठकों, बड़े कार्यक्रमों और औपचारिक मंचों पर अध्यक्ष ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड का चेहरा बनकर सामने आते हैं। उनका पद अधिकतर प्रोटोकॉल और नीतिगत स्तर पर अहम माना जाता है।
सचिव – फैसलों की असली ताकत
सचिव को BCCI का सबसे ताकतवर पद माना जाता है। रोजमर्रा के कामकाज, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स का शेड्यूल, खिलाड़ियों के कॉन्ट्रैक्ट, चयन संबंधी मंजूरी, प्रसारण अधिकार और वित्तीय मामलों में सचिव की सीधी भूमिका होती है। सचिव बोर्ड और राज्य क्रिकेट संघों के बीच कड़ी (link) का काम करता है और प्रशासनिक स्तर पर उसकी शक्ति अध्यक्ष से कहीं ज्यादा मानी जाती है।
अध्यक्ष और सचिव – अलग-अलग भूमिकाएं
तकनीकी रूप से देखा जाए तो अध्यक्ष बोर्ड का चेहरा होते हैं, जबकि सचिव फैसलों को लागू कराने वाला पद है। अध्यक्ष नीतियों और निर्णयों को मंजूरी देते हैं, लेकिन सचिव ही उन निर्णयों को जमीन पर उतारते हैं। यही कारण है कि सचिव की भूमिका को कई बार “किंग मेकर” (King Maker) भी कहा जाता है।
क्यों उठता है ताकत का सवाल?
चूंकि BCCI करोड़ों-करोड़ रुपये का संगठन है और इसके फैसले भारतीय क्रिकेट ही नहीं, बल्कि विश्व क्रिकेट पर भी असर डालते हैं, इसलिए यह सवाल हमेशा उठता है कि असली ताकत किसके पास है। हकीकत यह है कि अध्यक्ष जहां सम्मान और प्रतिष्ठा का प्रतीक हैं, वहीं सचिव को असली पावर का केंद्र माना जाता है।
प्रतिष्ठा बनाम शक्ति | BCCI News
संक्षेप में कहा जाए तो BCCI अध्यक्ष को बोर्ड का सम्मानजनक और बड़ा चेहरा माना जाता है, जबकि सचिव को असली फैसले लेने वाला और सबसे ताकतवर पद। यानी, क्रिकेट बोर्ड में अध्यक्ष की कुर्सी प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जबकि सचिव की कुर्सी शक्ति का।