
Sharda University suicide case: ग्रेटर नोएडा। शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना ने गंभीर रूप ले लिया है। छात्रा की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों और छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया तथा एक मुख्य द्वार को बंद कर दिया। Sharda University News
परिजन कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे, जिसके चलते पुलिस को बड़ी संख्या में मौके पर तैनात करना पड़ा। विश्वविद्यालय प्रशासन, पुलिस अधिकारियों और परिजनों के बीच लंबी बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया कि सुसाइड नोट में जिन दो शिक्षकों – महेन्द्र सर और डॉ. श्रेया – के नाम दर्ज हैं, उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसके साथ ही अन्य तीन शिक्षकों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।
छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था
बताया जा रहा है कि छात्रा को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था और उसे बार-बार सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया, जिससे वह तनाव में थी। इन सभी बिंदुओं की जांच के लिए पांच दिनों की समय-सीमा तय की गई है। इधर, समाजवादी पार्टी के छात्र संगठन ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है। सपा छात्र संघ के जिला अध्यक्ष और प्रदेश सचिव ने विश्वविद्यालय पहुंचकर ऐलान किया कि यदि पांच दिनों के भीतर निष्पक्ष जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई, तो विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार को पूरी तरह बंद कर बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
छात्र संगठन ने कहा, “हम छात्रा को न्याय दिलाकर रहेंगे।” इसके साथ ही एक व्हाट्सएप समूह बनाया गया है, जिसके माध्यम से छात्र अपनी शिकायतें साझा कर सकेंगे, विशेष रूप से फैकल्टी सदस्यों द्वारा किए गए किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार या उत्पीड़न से जुड़ी जानकारी। इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपित शिक्षकों को निलंबित कर दिया है तथा एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो संपूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष जांच करेगी। Sharda University News
Greater Noida Student Suicide: निजी विश्वविद्यालय की बीडीएस छात्रा ने सुसाइड नोट छोड़, दी जान