
सतलुज नदी के तेज बहाव से बांध पर भारी दबाव, 14 गांवों में बाढ़ का खतरा
- राज्य में 22 जिलों के 1902 गांव प्रभावित, 43 मौतें और 1.71 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद
लुधियाना (जसवीर गहल/साहिल अग्रवाल)। Ludhiana News: पंजाब के लुधियाना जिले में सतलुज नदी के तेज बहाव के कारण ससराली बांध पर भारी दबाव उत्पन्न हो गया है। मिट्टी खिसकने और दरार की आशंका के चलते बांध के समीप सेना और एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं। पुलिस आयुक्त स्वप्न शर्मा और जिला उपायुक्त हिमांशु जैन स्वयं मौके पर मौजूद हैं। यदि ससराली तटबंध टूटता है, तो ससराली, बूंट, रावत, हवास, सीरा, बूथगढ़, मंगली टांडा, ढेरी, ख्वाजके, खासी खुर्द, मंगली कादर, मत्तेवाड़ा, मंगत और मेहरबान जैसे गांवों में बाढ़ आ सकती है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने, ऊपरी मंजिलों पर जाने और एक मंजिला घरों में रहने वालों को सुरक्षित आश्रयों में जाने की सलाह दी है। Ludhiana News
बांध से 500 मीटर की दूरी पर 10 फुट ऊंचा रिंग बांध बनाया जा रहा है ताकि पानी के तेज बहाव को रोका जा सके। यदि यह प्रयास विफल होता है, तो राहों रोड, टिब्बा रोड, ताजपुर रोड, नूरवाला रोड, समराला चौक और साहनेवाल के धनांसू क्षेत्र तक पानी पहुंच सकता है। अनुमान है कि 50,000 से अधिक लोगों को खतरा हो सकता है।
सतलुज नदी में भाखड़ा बांध से छोड़ा गया पानी बह रहा है। जलस्तर 1678.74 फुट पर है, जो खतरे के निशान 1680 से थोड़ा कम है। चारों गेट 10-10 फुट तक खोले गए हैं। इस समय पानी की आमद 76,318 क्यूसेक और निकासी 80,792 क्यूसेक है। शुक्रवार को मौसम साफ रहने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है। भीषण बाढ़ से पंजाब के 22 जिलों के 1902 गांव प्रभावित हुए हैं। 15 जिलों की 3.84 लाख से अधिक आबादी संकट में है। राज्य सरकार ने 196 राहत शिविर स्थापित किए हैं। अब तक 20,972 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
सबसे अधिक मौतें होशियारपुर में | Ludhiana News
राजस्व मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां के अनुसार राज्य में अब तक 43 मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें होशियारपुर में 7, पठानकोट में 6, बरनाला और अमृतसर में 5-5, लुधियाना और बठिंडा में 4-4, मानसा में 3, गुरदासपुर और एस.ए.एस. नगर में 2-2, तथा पटियाला, रूपनगर, संगरूर, फाजिल्का और फिरोजपुर में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है। पठानकोट के तीन लोग अभी भी लापता हैं।
गुरदासपुर जिले में सबसे अधिक फसलों का नुक्सान
राज्य के 18 जिलों में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। गुरदासपुर में 40,169 हेक्टेयर, अमृतसर में 26,701, फाजिल्का में 17,786, फिरोजपुर में 17,221, कपूरथला में 17,807, तरनतारन में 12,828, मानसा में 11,042, संगरूर में 6560, होशियारपुर में 8322, जालंधर में 4800, एस.ए.एस. नगर में 2000, पठानकोट में 2442, मोगा में 2240, पटियाला में 600, बठिंडा में 587, एस.बी.एस. नगर में 362, रूपनगर में 300 और लुधियाना में 32 हेक्टेयर फसलें नष्ट हो चुकी हैं। Ludhiana News
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