हिसार (सच कहूँ/डॉ. संदीप सिंहमार)। Kisan News Update: धान किसानों के इंतजार के बादल छंटते नजर आ रहे हैं। केंद्र सरकार के नए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ऐलान के बाद जहां समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों को राहत मिली है, वहीं अब 23 सितंबर से हरियाणा में धान की खरीद शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष खरीफ विपणन सीजन के लिए सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2369 रुपए और ग्रेड-ए धान का 2389 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है। यह पिछले साल की दर से 69 रुपए अधिक है। इससे राज्य के किसानों को अपनी मेहनत का बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है।
खरीद में देरी से किसानों में नाराजगी | MSP
हालांकि खरीद प्रक्रिया में देरी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। करनाल और कैथल जैसे प्रमुख मंडियों में किसान धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब फसल मंडियों में पहुंचने लगी है तो खरीद समय से शुरू होनी चाहिए। खेत से मंडी तक पहुंची फसल रखने की दिक्कत और बढ़ते खर्च से किसान परेशान हैं।
सीएम की दिल्ली बैठक से उम्मीद
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने तीन दिन पहले दिल्ली में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस बैठक में खरीद प्रक्रिया के सुचारू संचालन, परिवहन व्यवस्था और एफसीआई से जुड़ी तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक के बाद अब यह संभावना मजबूत हो गई है कि 23 सितंबर से सरकारी खरीद शुरू हो जाएगी।
84 लाख मीट्रिक टन की रिकॉर्ड आवक का अनुमान
प्रदेश सरकार इस साल धान की रिकॉर्ड आवक मानकर चल रही है। अनुमान है कि करीब 84 लाख मीट्रिक टन धान मंडियों में पहुंचेगा। इसके सुचारू उठान और भंडारण के लिए सरकार ने नई रणनीति बनाई है।
नई मिलिंग पॉलिसी लागू
खरीद सीजन से पहले राज्य सरकार 2025-26 की नई मिलिंग पॉलिसी को मंजूरी दे चुकी है। इसके तहत अब राइस मिलरों को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य मंडियों से धान के शीघ्र उठान और मिलों तक पहुंच सुनिश्चित करना है, ताकि किसानों को भुगतान और धान निकासी में दिक्कत न हो।
किसानों की नजर 23 सितंबर पर | MSP
किसानों का कहना है कि अगर सरकार तय तिथि से खरीद शुरू कर देती है तो इससे उनकी बड़ी राहत होगी। फिलहाल उनकी चिंता मंडियों में पड़े धान और उसके संरक्षण को लेकर है। सरकार के लिए चुनौती यह होगी कि खरीफ सीजन की भारी आवक के बीच न सिर्फ खरीद तेजी से हो, बल्कि भुगतान भी समय पर किसानों तक पहुंचे।
धान खरीद सीजन 2025-26 को लेकर हरियाणा सरकार ने नई मिलिंग पॉलिसी लागू कर दी है। यह नीति न सिर्फ किसानों के लिए राहतकारी कदम मानी जा रही है, बल्कि सरकार की खरीद और भंडारण व्यवस्था की बड़ी परीक्षा भी होगी।
नई नीति की मुख्य बातें
समय सीमा
धान की सरकारी खरीद 1 अक्टूबर से 15 नवंबर 2025 तक प्रस्तावित है। हालांकि राज्य सरकार ने केंद्र से पूर्व अनुमति मांगी थी और अब 22 या 23 सितंबर से खरीद शुरू होने की संभावना है।
मिलिंग व्यवस्था
यदि ठेकेदार समय पर धान का उठान नहीं करता है, तो राइस मिलर सीधे मंडियों से धान उठा सकेंगे।
खर्च वहन करेगी सरकार
इस स्थिति में जो भी अतिरिक्त खर्च आएगा, उसका भुगतान हरियाणा सरकार करेगी।
CMR मूल्य
कस्टम मिल्ड राइस (CMR) की कीमतें अभी तय नहीं हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि यह दरें केंद्र सरकार से मिलने के बाद घोषित की जाएंगी।
अनुमानित आवक और खरीद का ब्योरा | MSP
- इस बार हरियाणा की मंडियों में करीब 84 लाख मीट्रिक टन धान आने का अनुमान है।
- इसमें से 54 लाख मीट्रिक टन सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदा जाएगा।
- खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में राज्य खरीद एजेंसियां केंद्रीय पूल में लगभग 36 लाख मीट्रिक टन CMR का योगदान देंगी।
किसानों और मंडियों पर असर
- किसानों के लिए राहत की बात यह है कि उठान में देरी होने पर जिम्मेदारी अब सीधे मिलरों पर भी डाली जाएगी, जिससे मंडियों में धान अटकने की स्थिति कम हो सकती है।
- राज्य सरकार द्वारा खर्च वहन करने की घोषणा से खरीद प्रक्रिया में तेजी आएगी और मंडियों का दबाव घटेगा।
- हालांकि CMR कीमतें तय न होने से मिलरों और खरीद एजेंसियों के बीच अनिश्चितता बनी हुई है।
चुनौतियां और सवाल
- समय पर खरीद और उठान सुनिश्चित करना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि धान की आवक करीब 84 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है।
- भंडारण और परिवहन की जटिल समस्या से निपटने में किस हद तक नई नीति कारगर होगी, यह देखना बाकी है।
- CMR की कीमतें तय न होने से मिलरों की भागीदारी प्रभावित हो सकती है।
- किसानों के लिए सबसे अहम सवाल यही है कि 22-23 सितंबर से वाकई खरीद शुरू होती है या उन्हें अक्टूबर तक इंतजार करना पड़ेगा।
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