- वर पक्ष ने कायम की मिसाल, बोले-दुल्हन ही दहेज है
 - शगुन के रूप में मात्र नारियल व एक रुपये किया स्वीकार
 
सच कहूँ/भगत सिंह
नाथूसरी चौपटा । जिले के पैंतालिसा क्षेत्र में दहेज प्रथा रूपी दानव को खत्म करने की मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी में 22 अप्रैल को गांव गुडिया खेड़ा निवासी महेश पुत्र जगमाल श्यौराण की दो बेटियों रवीना व नीलम का विवाह जांडवाला बागड़ निवासी अनमोल पुत्र स्व महेंद्र सिंह भादू व गांव शेरड़ा निवासी सतीश पुत्र लखी राम के साथ धूमधाम से संपन्न हुई। शादी में जब विदाई के समय वधू पक्ष की ओर से पांच पांच लाख रुपए थाली में रखे गए तो दोनों वर पक्षों ने मात्र 1 रुपया और नारियल यह कहकर स्वीकार किया कि दुल्हन ही दहेज है।
शादी समारोह में सरपंच सुरेंद्र सिंह भादू, रमेश भादू, रिछपाल भादू, मांगेराम भादू, निरंजन भादू, कृष्ण भादू, महावीर सिंह भादू एएसआई हरियाणा पुलिस, रामनिवास न्योल, रणबीर सिंह खेतलान, कृष्ण खेतलान सहित क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की और बिना दहेज की शादी हरियाणा व राजस्थान में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस मौके पर दुल्हे अनमोल व सतीश ने अपनी उम्र के अन्य युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आज के इस शिक्षित युग में दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करने के लिए हम सबको साथ मिलकर सहयोग करना होगा। हम सबको अपनी समझदारी का परिचय देते हुए दहेज जैसी बुराई को खत्म करना होगा ताकि वधू पक्ष के परिवार पर किसी तरह का कर्ज न चढ़े।
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