Haryana Budhapa pension News: बढ़ी हुई पेंशन आपके खाते में इस तारीख से आना शुरू हो जाएगी, बुजुर्गों ने सीएम सैनी के बारे में कह दी ये बड़ी बात

Haryana Budhapa pension News
Haryana Budhapa pension News: बढ़ी हुई पेंशन आपके खाते में इस तारीख से आना शुरू हो जाएगी, बुजुर्गों ने सीएम सैनी के बारे में कह दी ये बड़ी बात

Haryana Budhapa pension News: भिवानी (इन्द्रवेश)। हरियाणा के बुजुर्गो को अब एक नवंबर हरियाणा दिवस से बढ़ी हुई बुढ़ापा पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। बुजुर्गो को मिलने वाली यह पेंशन अब राज्य सरकार ने बढ़ाकर 3 हजार से 3200 रुपए प्रति माह कर दी है। बढ़ी हुई पेंशन को लेकर बुजुर्गो में खासा उत्साह है। क्योंकि बुजुर्गो को सम्मान भत्ते के रूप में मिलने वाली यह पेंशन उनकी आजीविका चलाने का मुख्य साधन है। जिससे बुजुर्गो को अपनी आधारभूत जरूरतों के लिए किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि बुजुर्गो को यह पेंशन उनके खातों में हरियाणा सरकार द्वारा प्रति माह समय पर पहुंचा दी जाती है।

बढ़ी हुई बुढ़ापा पेंशन को लेकर भिवानी के बुजुर्गो ने कहा कि दीपावली के मौके पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा पेंशन बढ़ोत्तरी एक तोहफे के रूप में हुई है। सरकार के इस कल्याणकारी फैसले का वे स्वागत करते है। बुजुर्ग महिला लक्ष्मी, राजकुमारी, सरोज व शीला ने बताया कि आज तक उन्हे 3 हजार रुपए प्रति माह बुढ़ापा पेंशन मिलती रही है, जिसका प्रयोग वे पौते-पौतियों को खिलौने दिलवाने, बेटियों के खर्चे-पानी तथा बीमार होने पर दवाई इत्यादि विभिन्न आधारभूत जरूरतों के लिए प्रयोग करते रहे है। इस पेंशन में बढ़ोत्तरी होने से वे इसका और बेहतर प्रयोग कर पाएंगी। बुजुर्ग महिला सरोज ने बताया कि जिन बुजुर्ग महिलाओं के पति नही है, उनके लिए यह मदद और भी व्यापक रू से सहयोगी होती है।

इस मदद के चलते उन्हे किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। वे स्वयं को आत्मनिर्भर महसूस करती है तथा आर्थिक रूप से सक्षम महसूस करने में बुढ़ापा पेंशन की बड़ी भूमिका है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में लगभग एक सप्ताह पहले पंचकूला से मुख्यमंत्री ने बढ़ी हुई पेंशन की घोषणा की थी, जो अब एक नवंबर हरियाणा दिवस से बुजुर्गो को मिलनी शुरू हो जाएगी। वर्ष 1991 तक हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन मिलती थी 100 रुपए, जो 1992 में बढकर 200 रुपए हुई। 2004 में यह पेंशन बढकर 300 हुई, 2009 में यह पेंशन 500 रुपए हुई, 2014 में यह पेंशन एक हजार रुपए हुई। जिसके बाद से यह निरंतर बढ़ रही है, जो अब 3200 रुपए हो गई है।