कैथल जिले के 80 हजार मजदूरों पर पड़ रहा वर्क स्लिप घोटाले की जांच का असर

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Kaithal News: फाइल फोटो

छह माह से बंद पड़ा जिला श्रम विभाग का पोर्टल, हजारों मजदूर योजनाओं के लाभ से वंचित

कैथल (सच कहूँ/कुलदीप नैन)। Kaithal News: वर्क स्लिप घोटाले की जांच का असर जिले के मजदूरों पर देखने को मिल रहा है क्योंकि जिला श्रम विभाग कार्यालय का पोर्टल पिछले छह माह से अधिक समय से बंद पड़ा है, जिसके चलते जिले के कुल 81 हजार 835 पंजीकृत मजदूर सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। गौरतबल है कि सरकार की ओर से श्रम विभाग के तहत किए गए 90 दिनों के कार्यों में अनियमितताएं सामने आने के बाद इसकी जांच के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है। जांच प्रक्रिया को देखते हुए ही विभागीय पोर्टल को अस्थायी रूप से बंद किया गया है, ताकि रिकॉर्ड की सत्यता की जांच की जा सके।

अब पोर्टल बंद होने के कारण न तो नए आवेदन हो पा रहे हैं और न ही पहले से स्वीकृत आवेदनों की भुगतान राशि पात्र लाभार्थियों तक पहुंच पा रही है। इससे मजदूरों में रोष बढ़ता जा रहा है। श्रम विभाग के माध्यम से सरकार की ओर से करीब 29 कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, लेकिन पोर्टल बंद होने से इनका लाभ नहीं मिल पा रहा।

11.96 लाख वर्क स्लिप के सत्यापन में सामने आया अंतर | Kaithal News

वर्क स्लिप घोटाले की जांच कैथल सहित हिसार, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी जिलों में चल रही है। इस प्रक्रिया में अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच कुल 11 लाख 96 हजार 759 श्रमिकों की वर्क स्लिप का वेरिफिकेशन किया गया, जिसमें बड़े स्तर पर अंतर पाया गया। जांच के दायरे में श्रमिकों के कार्य-दिवसों का सत्यापन किया जा रहा है, जिसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। जांच के चलते विभागीय फंड भी रोक दिया गया है, जिससे योजनाओं की राशि अटक गई है।

ये योजनाएं है शामिल

– मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना
– साइकिल योजना, कन्यादान योजना
– गंभीर बीमारी का इलाज में आर्थिक सहायता।
– मकान की रिपेयर का कार्य
– पंजीकृत मजदूर की बेटी को इलेक्ट्रिक स्कूटी
– मजदूर परिवार के बच्चों को स्कूल फीस का लाभ
– बच्चों की शादी में वित्तीय सहायता
– सिलाई मशीन योजना
*इसके अलावा और भी कई तरह सहायता उपलब्ध करवाई जाती है

महिला 50 हजार तो पुरुष 30 हजार पंजीकृत

कैथल जिले के पंजीकृत मजदूरों में 70 हजार 282 मजदूरों का रिकॉर्ड ऑफलाइन जबकि 14 हजार 521 मजदूरों का रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज है। पंजीकृत श्रमिकों में 50 हजार 905 महिला और 30 हजार 929 पुरुष मजदूर शामिल हैं। ये मजदूर लगातार कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिल पा रहा। वहीं जिला श्रम कार्यालय में कर्मचारियों का भी कमी है, यहाँ सात कर्मचारी है और ये सभी अस्थायी हैं। Kaithal News

कार्यालय इंचार्ज उषा अरोड़ा पर कैथल के साथ-साथ यमुनानगर व कुरुक्षेत्र का कार्यभार है।इस कारण कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। विभागीय योजनाओं की जानकारी लेने के लिए आने वाले लोग जब भी श्रम अधिकारी से मिलने की बात कहते हैं तो कार्यालय में न होने की जानकारी ही मिल पाती है। ऐसे में लोगों को बिना काम के वापस लौटना पड़ता है।

पोर्टल बंद होने से मजदूर परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार द्वारा मजदूरों के कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाएं कागजों तक सीमित रह गई हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि पोर्टल को तुरंत शुरू किया जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
-मनोज, जिला प्रधान, भवन निर्माण मजदूर संघ हरियाणा।

पोर्टल कई महीनों से बंद है और इसके दोबारा शुरू होने की कोई स्पष्ट जानकारी उनके पास नहीं है। उन्होंने बताया कि कैथल जिले के लिए बुधवार का दिन निर्धारित है, जबकि शेष समय अन्य जिलों का काम देखना पड़ता है।
-उषा अरोड़ा, जिला श्रम अधिकारी, कैथल

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