मुंबई। हिन्दी फ़िल्म उद्योग के महान अभिनेता धर्मेन्द्र का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे धर्मेन्द्र को सांस लेने में कठिनाई के कारण कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका उपचार जारी था, जहाँ प्रारम्भिक परीक्षणों और देखभाल के बाद डॉक्टरों ने उन्हें परिवार के बीच उपचार हेतु घर भेज दिया था। Dharmendra
घर पर विशेष चिकित्सकीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई थीं। डॉक्टरों की एक टीम निरंतर उनके स्वास्थ्य पर नज़र रख रही थी, किंतु बढ़ती उम्र और शारीरिक जटिलताओं के कारण उनकी हालत निरंतर कमजोर होती चली गई। परिवार के सदस्य दिन–रात उनकी सेवा में लगे रहे और किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए घर पर एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ की तैनाती भी की गई थी।
धर्मेन्द्र के स्वास्थ्य को लेकर फिल्म उद्योग एवं उनके प्रशंसक लगातार चिंतित रहे
धर्मेन्द्र के स्वास्थ्य को लेकर फिल्म उद्योग एवं उनके प्रशंसक लगातार चिंतित रहे। अनेक प्रसिद्ध कलाकार—जैसे सलमान खान, शाहरुख खान, गोविंदा और अन्य—ने समय–समय पर उनसे मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। उनके निधन की सूचना मिलते ही सम्पूर्ण फ़िल्म जगत एवं प्रशंसकों में गहरा दुःख व्याप्त हो गया। Dharmendra
छः दशकों से अधिक समय तक फैले अपने शानदार करियर में धर्मेन्द्र ने भारतीय सिनेमा में अपूर्व योगदान दिया। 1960 में “दिल भी तेरा हम भी तेरे” से शुरुआत करने वाले धर्मेन्द्र ने एक से बढ़कर एक सफल व यादगार फ़िल्में दीं। “फूल और पत्थर”, “हकीकत”, “सीता और गीता”, “यादों की बारात”, “शोले” जैसी अनेक फिल्मों में उनके प्रभावशाली अभिनय ने उन्हें दर्शकों का चहेता बना दिया। उन्हें फ़िल्म उद्योग में “ही-मैन” के नाम से विशेष पहचान मिली।
अपनी कलात्मक प्रतिभा और सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए धर्मेन्द्र को समय–समय पर अनेक सम्मान प्राप्त हुए। वर्ष 2012 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कई फ़िल्मफेयर पुरस्कार तथा दर्शकों–आलोचकों की व्यापक सराहना भी हासिल की। भारतीय सिनेमा में उनका योगदान सदैव अमर रहेगा। Dharmendra













