‘नया बजट गौशालाओं की आर्थिक स्थिति में लाएगा सुधार’

परिचर्चा: सरकार ने गौसेवा आयोग का बजट 40 से 400 करोड़ किया

  • पदाधिकारी बोले: सीधी गौशालाओं के खाते में आनी चाहिए राशि

ओढां (सच कहूँ/राजू)। प्रदेश सरकार ने अपने बजट में गौसेवा आयोग का 40 करोड़ का बजट बढ़ाकर 400 करोड़ किया है। राज्य में हरियाणा गौसेवा आयोग के साथ 632 गौशालाएं पंजीकृत हैं। जिनमें करीब 4.6 लाख गौवंश आश्रय पा रहा है। सरकार के इस नए बजट से गौशालाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी। इस विषय में गौशाला संघ एवं गौशाला पदाधिकारियों ने सरकार का आभार व्यक्त करते हुए अपनी प्रतिक्रिया भी दी।

सरकार ने अपने बजट में गौसेवा की ओर ध्यान दिया जोकि अति सराहनीय है। सूखे चारे के बढ़े दामों एवं गौशालाओं में गौवंंश की संख्या बढ़ने के चलते गौशालाओं की आर्थिक स्थिति दयनीय है। सरकार का ये नया बजट गौशालाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा। लेकिन जब धरातल पर पैसा लगेगा तब पता चलेगा। सरकार नई गौशालाएं व गौ अभ्यारण खोल रही है। ये एक अच्छा कदम है। लेकिन नई गौशाला व गौ अभ्यारण के लिए अलग से ग्रांट की व्यवस्था करे न कि नए बजट की राशि में से।
योगेश बिश्नोई, वरिष्ठ उपाध्यक्ष (गौवंश-गौशाला सेवा संघ हरियाणा)

मैं सरकार से निवेदन करता हूं कि प्रत्येक गाय के चारे पर प्रतिदिन 35 रुपये दिए जाए। ताकि गौशालाओं की देखरेख प्रतिनिधि अपने आप करवा सके। जो 400 करोड़ रुपये देने की घोषणा हुई है वो सरकार किस प्रकार गौशालाओं को देगी, क्योंकि प्रदेश में गौशालाओं के कई संघ है। घोषित राशि किसी की मार्फत नहीं बल्कि सीधी गौशालाओं के खाते में आनी चाहिए।
– जगतपाल सहारण, उपाध्यक्ष (गौशाला संघ हरियाणा)।

40 से सीधा 400 करोड़ का बजट करना सरकार का सराहनीय कदम है। इससे गौशालाओं को आर्थिक सहायता मिलेगी। सरकार से मांग है कि प्रत्येक गाय पर चारे की राशि में बढ़ोतरी की जाए। गौशालाओं में गौवंश की संख्या काफी है। जिसके चलते गौशालाओं को सूखे चारे सहित अन्य आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की घोषित राशि सीधे गौशालाओं के खाते में आए तभी स्थिति में सुधार होगा।
– महेन्द्र निमीवाल, प्रधान (गौशाला नुहियांवाली)।

आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते गौशालाओं का संचालन करने में बड़ी समस्या उत्पन्न होती है। इस बार चारे की किल्लत और बढ़े दाम के चलते बड़ी दिक्कत आई। सरकार द्वारा गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन हेतु की गई बजट की घोषणा अति सराहनीय है। इससे गौशालाओं की स्थिति में सुधार होगा तो वहीं गौवंश में नस्ल सुधार भी होगा। हम तो सरकार से ये मांग करते हैं कि प्रत्येक गौवंश हेतु राशि बढ़ाई जाए।
साहब राम, सचिव (गौशाला बनवाला)।

 

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