जिला फतेहाबाद के ढाबी खुर्द क्षेत्र में हुई शादी आसपास के क्षेत्र में बनी चर्चा का विषय

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जिला फतेहाबाद के ढाबी खुर्द क्षेत्र में हुई शादी आसपास के क्षेत्र में बनी चर्चा का विषय

दुल्हन ही दहेज: शगुन का एक रूपया और नारियल लेकर पेश की मिशाल

फतेहाबाद। क्षेत्र के गांव ढाबी खुर्द में हुई एक शादी ने समाज में मिसाल कायम की है। दूल्हे विजय सिद्धू व उनके परिजनों ने दुल्हन पक्ष द्वारा दिए गए शगुन राशि पांच लाख 11 हजार रुपये लौटाकर सिर्फ एक रुपया और नारियल स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि शादी सम्मान से होती है, दहेज से नहीं। उनके इस कदम की पूरे क्षेत्र में सराहना हुई और यह उदाहरण दहेज-मुक्त समाज की ओर प्रेरक संदेश बन गया। आज जहां शादियों में दहेज को लेकर होड़ मची रहती है, वहीं इस दूल्हे ने समाज के सामने ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसने सबका दिल जीत लिया। Fatehabad News

दूल्हे ने खुले मंच से दहेज में मिले पांच लाख 11 हजार रुपये लौटाकर कहा कि मैं नारियल और एक रुपया लेकर ही शादी करूंगा। गांव ढाबी खुर्द निवासी विजय सिद्धू सुपुत्र स्व. सतवीर सिंह सिद्धू की 2 नवंबर को जिला भिवानी के गांव गुरेरा निवासी पूजा सुपुत्री मांगेराम गोदारा की शादी पूरे धूमधाम से संपन्न हुई। दुल्हन पूजा गोदारा के घर स्वागत की तैयारियां जोरों पर थीं। ढोल-नगाड़े बज रहे थे, रिश्तेदार और मेहमान जश्न में डूबे थे। जैसे ही वरमाला और शगुन की रस्म शुरू हुई, सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन मंच पर पहुंचते ही विजय ने दहेज मुक्त शादी करने का कदम उठा लिया, जिसने पूरे माहौल को भावुक कर दिया।

दहेज जैैसी कुप्रथा का अपने घर से ही किया जा सकता है खत्म: विजय सिद्धू

दुल्हा पक्ष ने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा अपने दादा भारतीय सेना से रिटायर्ड स्वर्गीय छैलूराम सिद्धू से मिली। मेरे दादा जी कहते थे कि समाज से दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए सदैव अपने घर से ही शुरुआत होती है। लड़का विजय अभी ग्रामीण बैंक में नौकरी कर रहा है। व दुल्हन गुरेरा निवासी पूजा अभी पढ़ाई कर रही है। इस अवसर पर जसवंत भादू(एएसआई), सुभाष सिद्धू, मनीष बैनीवाल, किशनलाल, विजय सिंह (पूर्व सरपंच), हनुमान सिद्धू, बलजीत काजला, करण सिंह सिद्धू, मिसरी सिद्धू, साहब राम महिया(रिटा. पीडब्ल्यूडी), राजेश सिद्धू, पवन थलोड, भीम थालौड़ व अन्य ग्रामीण व रिश्तेदार मौजूद रहे।

शादी एक पवित्र बंधन, कोई सौदा नहीं: श्रवण

दुल्हन पक्ष ने परंपरा के मुताबिक वर पक्ष को पांच लाख रुपये शगुन स्वरूप देने की औपचारिकता निभाई। लेकिन वर पक्ष ने जैसे ही ये रकम देखी, उन्होंने सबके सामने कहा शादी एक पवित्र बंधन है, कोई सौदा नहीं। दुल्हे के भाई श्रवण कुमार ने कहा कि दहेज के रूप में कोई पैसा नहीं लेंगे। शादी सिर्फ नारियल और एक रुपये के शगुन से पूरी होगी। यह कहते हुए उन्होंने पांच लाख रुपये की रकम वहीं मंच पर लौटा दी। पंडाल में मौजूद हर व्यक्ति ने इस कदम का स्वागत किया। दुल्हन के पिता की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह आंसू गर्व के थे।

दुल्हन पक्ष ने भी जताया आभार

दुल्हन के परिजनों ने विजय और उनके परिवार के इस कदम की सराहना की। दुल्हन के पिता मांगेराम गोदारा ने कहा कि जब बेटियों की शादी होती है तो माता-पिता पर बहुत जिम्मेदारियां होती हैं। लेकिन विजय जैसे युवाओं से उम्मीद बढ़ती है कि अब समाज में बदलाव संभव है। उसने हमारा ही नहीं, पूरे समाज का सम्मान बढ़ाया है।