दो लड़के-दो लड़कियां, मां-बच्चे दोनों स्वस्थ, प्रेग्नेंसी के 3 महीने बाद चला पता
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। Civil Hospital Sirsa News: शहर के सिविल अस्पताल में एक अनोखा डिलीवरी का मामला सामने आया है, जिसमें गांव टीटूखेड़ा निवासी 24 वर्षीय रज्जो पत्नी सोनू ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है। इनमें दो लड़के और दो लड़कियां शामिल हैं। यह उनकी पहली डिलीवरी थी, जो 14 मई को सिविल अस्पताल सरसा में सिजेरियन आॅपरेशन के जरिए कराई गई। डिलीवरी के बाद अब सभी बच्चे और मां रज्जो पूरी तरह से स्वस्थ हैं तथा परिवार में खुशी का माहौल है। Sirsa News
अब बच्चों की दादी और परदादी के साथ नानी भी बच्चों की देखभाल में जुटी हुई है। सिविल अस्पताल सरसा के गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. राहुल गर्ग ने बताया कि यह केस काफी चुनौतीपूर्ण और खास रहा। क्योंकि डिलीवरी काफी रिस्की थी। वहीं बच्चों के पिता सोनू ने कहा हमारे लिए ये किसी चमत्कार की तरह है। हम में से किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी, परिवार में सब खुश हैं। सरसा के गांव टीटू खेड़ा निवासी सोनू की शादी ऐलनाबाद के केसुपुरा गांव की रज्जो के साथ 25 मार्च 2024 को हुई थी। सोनू खेतीबाड़ी और मजदूरी का काम करता हैं। सोनू के परिवार में 6 सदस्य हैं, जिनमें पत्नी रज्जो, मां राज रानी, भाई कर्ण, बहन सुनीता और दादी गुड्डी देवी। Sirsa News
पिता की कुछ सालों पहले मौत हो चुकी है। सोनू ने बताया की प्रेग्नेंसी के तीसरे महीने वह रज्जो को सरसा के सरकारी अस्पताल में ले गए थे, जहां पर चिकित्सकों ने अल्ट्रासाउंड के बाद बताया था कि तीन बच्चे हैं। लेकिन चिकित्सकों की बातों पर सोनू सहित परिवार को यकीन नहीं हुआ। जिसके पश्चात उन्होंने शहर में दो-तीन निजी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड कराया। जहां चिकित्सकों ने तीन नहीं चार बच्चें होने की बात कहकर उनकी धड़कने और बढ़ा दी और मां की देखभाल और परहेज रखने की सलाह दी।
बच्चे 20 दिन तक रहे नर्सरी में | Sirsa News
डिलीवरी होने के बाद रज्जो को तो 3 दिन बाद डिसचार्ज कर दिया था, लेकिन बच्चों को अस्पताल की ही नर्सरी में रखा गया था। परिवार के आधे लोग घर पर रज्जो की देखभाल कर रहे थे तो आधे अस्पताल में ही रातें बिता रहे थे। हालांकि कुछ दिनों बाद जब रज्जों के टांकों में दर्द होने लगा तो उसे वापस अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया। 4 जून को बच्चों के साथ साथ रज्जो को डिसचार्ज कर दिया गया।
सिविल अस्पताल सरसा के गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. राहुल गर्ग ने बताया कि सोनू और उनका पूरा परिवार 14 मई को रज्जो को सिविल अस्पताल लेकर पहुंच गया था। डिलीवरी भी इस दिन होनी थी, इसलिए उनका पूरा परिवार दुआ कर रहा था कि सब कुछ नॉर्मल हो जाए। वहीं रज्जो के अस्पताल में पहुंचने पर पूरा अस्पताल स्टाफ काफी एक्साइटेड था, क्योंकि ये काफी यूनिक केस था। डॉ. राहुल गर्ग ने बताया कि ऐसे केस में मां या फिर शिशु की जान पर खतरा रहता है। एक मां पर चार बच्चों का चार गुना दबाव हो जाता है, इसलिए डिलिवरी रिस्की होती है। Sirsa News
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