Women’s World Cup trophy: इंडिया टीम से वापस ली जाएगी वर्ल्ड कप ट्रॉफी!, जानें कप्तान हरमनप्रीत कौर ने क्या कहा

Women's World Cup trophy
Women's World Cup trophy: इंडिया टीम से वापस ली जाएगी वर्ल्ड कप ट्रॉफी!, जानें कप्तान हरमनप्रीत कौर ने क्या कहा

Women’s World Cup trophy:  नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि टीम को अपने ऊपर भरोसा था कि वे यह विश्वकप जीत सकते है। दक्षिण अफ्रीका को रविवार रात फाइनल मुकाबले में हराकर महिला विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत मुस्कुराते हुए ट्रॉफी के साथ संवाददाता सम्मेलन में पहुंची। उन्होंने कहा, ‘इस समय तो मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं। मैं केवल अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का प्रयास कर रही हूं। मैं बस यही कहूंगी कि टीम ने कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन टीम को स्वयं पर भरोसा था। मैं यह पहले दिन से कह रही हूं। हम इधर-उधर नहीं देख रहे थे हमारा सारा ध्यान केवल लक्ष्य पर था।

उन्होंने कहा, ‘हमें लगा कि हम पहली गेंद से ही जीत सकते थे, क्योंकि जिस तरह से हमने पिछले तीन मैचों में खेला था उससे हमारे लिए काफी चीजे बदल गई थीं। विशेष तौर पर स्वयं पर भरोसा। हम काफी समय से अच्छी क्रिकेट खेलते आ रहे हैं इसलिए हमें पता था कि एक टीम के तौर पर हमें क्या करना है। हमें पता था कि बल्लेबाजी आसान नहीं होगी लेकिन इसका श्रेय स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा को जाता है जिस तरह से उन्होंने पहले 10 ओवर में बल्लेबाजी की। पहले दिन से मुझे विश्वास था कि यह सब मायने नहीं रखता। वैसे भी हम टॉस जीतते नहीं, इसलिए हमें पता था कि हमें पहले बल्लेबाजी करनी होगी।

भारतीय कप्तान कहा, ‘हमारा लक्ष्य आसान था। हमें पता था कि अगर हम बड़े लक्ष्य के बारे में सोचेंगे तो दबाव में आ जाएंगे। सबसे जरूरी चीज थी कि बल्लेबाजी करते रहना है और खेल की लय में बने रहना है। हमने 300 रन बनाने की कोशिश की लेकिन हम एक रन दूर रह गए। हालांकि हम एक टीम के तौर पर मैदान में लौटे। जब भी हमें जरूरत हुई हमें ब्रेकथ्रू मिला। यह एक बहुत अच्छा मैच था। यह अभी कहना आसान है लेकिन जब लॉरा बल्लेबाजी कर रही थीं तो यह सब उतना आसान नहीं था, वे मौका नहीं दे रही थीं। लेकिन आखिरकार अच्छा लग रहा है, मुझे नहीं पता कि मैं इसे कैसे बयां करूं।

उन्होंने कहा, ‘झूलन दी मेरी सबसे बड़ी सपोर्ट थीं। जब मैं टीम में शामिल हुई थी तब वह कप्तान थीं। उन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया विशेषकर जब मैं क्रिकेट के बारे में अधिक नहीं जानती थी। अंजूम दी, दोनों ही मेरे लिए बड़ी सपोर्ट रही हैं। उन्होंने कहा कि जब रावल चोटिल हुईं तब ड्रेसिंग रूम में हर कोई रो रहा था। लेकिन हर कोई सोच रहा था कि हमारा लक्ष्य ट्रॉफी है इसलिए इसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने मांधना के साथ काफी विश्व कप खेले हैं और हर बार हार मिलने के बाद हम कई दिनों तक चुप रहते थे। जब वापस आते तो यही कहते कि हमें शून्य से शुरूआत करनी होगी। हमने कई फाइनल, सेमीफाइनल खेले लेकिन हमें जीत नहीं मिली। हम यही सोचा करते कि हमें कब जीत मिलेगी। वहीं सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही है कि ट्रॉफी भारत कब आएगी तो एशिया कप की तरह तो नहीं होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रॉफी भारतीय टीम के पास रहेगी और अफवाहों से दूर रहें। उधर जानकारी आ रही है कि एशिया कप ट्रॉफी की शिकायत बीसीसीआई आईसीसी को करेगा।