हर संभावना में छिपा है जीने का एक कारण – नीरज राणा
बड़ौत (सच कहूँ/संदीप दहिया)। World Suicide Prevention Day: 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाना केवल एक तिथि-विशेष का पालन नहीं है, बल्कि यह दिन मानव जीवन की अस्मिता, उसकी जिजीविषा और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति हमारे दृष्टिकोण की गहन परीक्षा भी है। उक्त बाते प्रभारी मनोविज्ञान विभाग दिगंबर जैन कॉलेज नीरज राणा ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर कही। Baraut News
उन्होंने बताया कि आज जब विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने अभूतपूर्व प्रगति की है, तब यह विडंबना है कि आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियाँ वैश्विक स्तर पर चिंताजनक रूप से बढ़ रही हैं। विशेष रूप से युवावर्ग, जो किसी भी समाज की रचनात्मक शक्ति और भविष्य की धुरी है, निराशा और असफलताओं के दबाव में जीवन-त्याग की ओर अग्रसर हो रहा है। यह स्थिति न केवल व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय हानि भी है। मनोविज्ञान स्पष्ट करता है कि आत्महत्या किसी समस्या का समाधान नहीं, बल्कि अस्थायी संकट की घड़ी में लिया गया स्थायी निर्णय है। कठिनाइयाँ, असफलताएँ और विफलताएँ जीवन की संरचना का अविभाज्य अंग हैं; वे अंत नहीं, बल्कि विकास की संभावनाओं के द्वार खोलती हैं। Baraut News
किंतु जब समाज संवादहीन हो जाए, परिवार सहारा न दे सके और व्यक्ति अपने अंतर्मन की पीड़ा को अभिव्यक्त करने का अवसर न पाए, तभी यह त्रासदी जन्म लेती है। इसलिए आत्महत्या की रोकथाम केवल चिकित्सकीय या मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप का विषय नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक और सांस्कृतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच आत्महत्या की प्रवृत्ति हमें यह संकेत देती है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक स्वास्थ्य के समान प्राथमिकता देनी होगी। इसके लिए शिक्षा संस्थानों, परिवारों और सामाजिक संस्थाओं को संयुक्त रूप से एक ऐसा वातावरण निर्मित करना होगा, जहाँ संवेदनशीलता, सहानुभूति और आत्मीय संवाद को स्थान मिले।
यह आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति को यह अनुभव हो कि उसकी पीड़ा सुनी जाएगी और उसका जीवन समाज के लिए मूल्यवान है। इस दिवस का मूल संदेश यही है कि जीवन स्वयं में सर्वोच्च मूल्य है। हमें अपने सामूहिक प्रयासों द्वारा यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति निराशा और अकेलेपन की अंधेरी सुरंग में इस सीमा तक न पहुँचे कि जीवन का अंत ही उसे एकमात्र विकल्प प्रतीत हो। आत्महत्या रोकथाम का अर्थ है, जीवन को अर्थपूर्ण बनाने की सामाजिक प्रतिबद्धता। Baraut News
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