हरियाणा में आग बुझाने वाली गाड़ियों की है कमी

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गुरुग्राम में 100 मीटर ऊंचाई तक काम करने वाली गाड़ी की है जरूरत

  • यहां मात्र 42 मीटर ऊंचाई तक की ही हाईड्रॉलिक गाड़ी

गुरुग्राम (संजय कुमार मेहरा)। गुरुग्राम समेत पूरे हरियाणा के अग्निशमन विभाग में आग बुझाने वाली गाड़ियों (Fire Extinguishers) की कमी हो गई है। कारण यह है कि पुरानी गाड़ियों का समय पूरा हो चुका है। गुरुग्राम जैसे अग्रणी शहर में आग बुझाने के लिए पर्याप्त गाड़ियों का न होना यहां हादसों से लोगों की सुरक्षा करने में कमी की तरह देखा जा रहा है। गगनचुम्बी इमारतों में आग बुझाने के लिए यहां पर्याप्त हाईड्रॉलिक गाड़ी भी नहीं है।

गुरुग्राम शहर के भीतर और बाहरी क्षेत्रों में गगनचुम्बी इमारतों की सेंकड़ों सोसायटी बन चुकी हैं। यूं कहें कि यह शहर अब गगनचुम्बी इमारतों का शहर बन चुका है। यहां पर आग लगने, इमारतें ध्वस्त होने जैसी घटनाएं होना स्वाभाविक है। चाहे कारण कुछ भी हों, लेकिन घटनाएं तो होती ही हैं। किसी भी घटना में फायर ब्रिगेड का उपयोग लाजिमी है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए गुरुग्राम अग्निशमन विभाग के बेड़े में पर्याप्त गाड़ियों होना जरूरी है। गुरुग्राम की तरह प्रदेश के अन्य शहरों फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत आदि शहरों में फ्लैट, मॉल कल्चर डेवेल्प हुई है। ऐसे में वहां भी अधिक ऊंचाई पर आग बुझाने वाली ग्गाड़ियों की जरूरत है।

गुरुग्राम में 100 मीटर रेंज की गाड़ी चाहिए

गुरुग्राम में रिहायशी और व्यवसायिक गगनचुम्बी इमारतें बन चुकी हैं। शहर का काफी विस्तार भी हो चुका है। इसके बावजूद यहां आग बुझाने के लिए अभी पर्याप्त ऊंचाई की हाइड्रॉलिक गाड़ी नहीं है। यहां 100 मीटर ऊंचाई की हाइड्रॉलिक गाड़ी की जरूरत है, जबकि मात्र 42 मीटर तक ऊंचाई की ही गाड़ी है। उसका भी 10 साल का समय पूरा हो चुका है। यह गाड़ी वर्ष 2005 में खरीदी गई थी, जो मात्र 10 हजार किमी ही चली है। अब इसे बेड़े से बाहर करना ही होगा। इस 42 मीटर ऊंचाई की गाड़ी के बाहर होने के बाद यहां कोई हाईड्रॉलिक गाड़ी नहीं होगी।

एक हाईड्रॉलिक गाड़ी की कीमत 35 करोड़ रुपये

गगनचुम्बी इमारतों में आग बुझाने (Fire Extinguishers) के लिए हाइड्रॉलिक गाड़ियों की जरूरत होती हैं। इन गाड़ियों में हाइड्रॉलिक सिस्टम से इमारतों के ऊंचाई के हिसाब से कर्मचारी ऊपर जाते हैं और पानी व फॉम डालकर आग बुझाई जाती है। फायर अधिकारी सुनील कुमार के मुताबिक हाइड्रॉलिक गाड़ी विश्वभर में एक मात्र फिनलैंड की कंपनी बनाती है, जिसकी कीमत 30-35 करोड़ रुपये है। अब चाइना की एक कंपनी ने भी हाइड्रॉलिक गाड़ियों का निर्माण शुरू किया है। इस समय 45 मीटर की एक-एक हाईड्रॉलिक गाड़ी हरियाणा के गुरुग्राम व पंचकूला में है। इसके अलावा दो 90 मीटर की हाईड्रॉलिक गाड़ियां गुरुग्राम में डीएलएफ के पास है। जरूरत पड़ने पर उन्हें उपयोग में लिया जाता है।

गुरुग्राम में टॉप-10 ऊंची इमारतों की सूची

गुरुग्राम की टॉप-10 सूची में शामिल ऊंची इमारतों को लेकर स्काई स्क्रैपर सेंटर डॉट कॉम से मिली जानकारी के अनुसार यहां सबसे ऊपर सेक्टर-78 में 61 मंजिला 195.8 मीटर ऊंचा (642 फीट) का रहेजा रेवांता टावर है। दूसरे व तीसरे नंबर पर सेक्टर-67 स्थित गोल्फ एस्टेट ट्वीन टावर-1 189.5 मीटर (622 फीट) व इसी सेक्टर में इतनी ही ऊंचाई का ट्वीन टावर-2 है। चौथे नंबर पर इंडिया बुल्स हाउस गुडगांव 180 मीटर (591 फीट) ऊंचा है।

पांचवें पर आईरिया विक्ट्री वैली टावर-ए 178 मीटर (584 फीट), छठे नंबर पर लैटीट्यूड 160.5 मीटर (527 फीट), सातवें पर गोल्फ कैमेलियाज 156 मीटर (512 फीट), आठवें पर आईरियो विक्ट्री वैली टावर-बी 155 मीटर (509 फीट) है। नौवें नंबर पर आईरियो स्काईऑन-1 135 मीटर (135 फीट) और दसवें नंबर पर जीवाईएस विजन टावर-ए 131 मीटर (430 फीट) ऊंचाई का है।

यह सही है कि गुरुग्राम समेत पूरे हरियाणा में फायर विभाग के पास आग बुझाने वाली गाड़ियों की कमी है। हरियाणा में करीब 250 गाड़ियां चालू हालत में हैं। अभी 250 नई गाड़ियां आने वाली हैं। एनसीआर में तो 10 साल पुरानी गाड़ियों का उपयोग नहीं किया जा सकता। इसलिए कई गाड़ियां कंडीशन में सही होती हैं, लेकिन समय पूरा होने पर उन्हें विभाग से बाहर करना ही पड़ता है।

सुनील कुमार, फायर अधिकारी, भीम नगर फायर स्टेशन, गुरुग्राम

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