जाखल रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वारों पर नहीं है गेट, ठिठुर रहे यात्री

Jakhal railway station sachkahoon

सच कहूँ/तरसेम सिंह, जाखल। जाखल रेलवे स्टेशन एक जंक्शन होने के नाते यहां पर दिन रात एक्सप्रेस ट्रेनों से लेकर पैसेंजर ट्रेनों की आवाजाही लगी रहती है और यहां से हजारों यात्री अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए ट्रेनें पकड़ते हैं। परंतु जाखल के एक मात्र प्रतिक्षालय में दोनों मुख्य द्वारों पर गेट ना लगे होने के कारण रात को यात्री भारी ठंड से परेशानी उठाते हैं। जाखल रेलवे स्टेशन के यात्री प्रतिक्षालय भवन के मुख्य द्वार काफी बड़े बड़े हैं जिसके अंदर यात्री विश्राम करते हैं। परंतु यहां के हालात से रेल प्रशासन की यात्रियों के प्रति घोर अनदेखी का साफ देखा जा सकता है।

हालांकि काफी समय पहले इन दोनों मुख्य द्वारों पर दो साल पहले फाइबर एलमुनियम के गेट लगाए गए थे परंतु प्रशासन ने कुछ ही समय बाद वह दोनों गेट उखाड़ निर्माण विभाग दफ्तर में रख दिए थे और फिर दुबारा इन मुख्य द्वारों पर गेट लगाने की कोई जहमत नहीं उठाई, जिसके कारण यात्रियों को ठंड में इसका परिणाम भुगतना पड़ रहा है। मुख्य द्वारों पर गेट ना लगे होने की कारण भी आवारा पशु जैसे सांड, गाय इत्यादि आदि स्टेशन के अंदर चले जाते हैं और जिसके कारण कई बार रेल हादसे भी हो चुके हैं और यह जानवर गाड़ी के समय भी स्टेशन पर टहलते नजर आते हैं।

क्या कहते है यात्री

जाखल स्टेशन के वेटिंग हाल में रूके प्रवासी रामेशवर, राजू, गुलाब, संतोष, राजेन्द्र, हेमराज, कृष्णा, श्याम इत्यादि यात्रियों ने कहा कि वे बिहार ओर यूपी के लिये ट्रैन पकड़ने आये हैं। जो रात के समय जानी है वे रात के समय तक ठंड के कारण परेशान होते हैं। ऐसा पिछले कई सालों से चल रहा है। क्योंकि हर सीजन में वे खेती व मंंडियों में काम करने के बाद घर जाते समय जाखल से ट्रैन के रास्ते अपने घर को जाते हैं।

क्या कहते हैं समाज सेवी

ह्युमन राईट काउंसलिंग के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राजेश शर्मा व सदस्य जरनैल भंगु ने कहा कि रेलवे अपने रेल यात्रियों को सुविधा उपलब्ध न करवाने हेतु स्वयं जिम्मेदार है। करोड़ों रुपए की आय अर्जित करने वाले रेलवे विभाग को यात्रियों के बारे में सोचना चाहिए यात्रियों के लिए स्टेशन पर सर्दी से बचने के इंतजाम करने चाहिए।

क्या कहते हैं स्टेशन अधिकारी

इस बारे में जाखल रेलवे स्टेशन अधीक्षक एसके दहिया से बात की गई तो उन्होंने कहा इसके बारे में आईओडब्ल्यू को लिखा जा चुका है, एक बार फिर पत्र भेजकर रिमाइंड करवा दिया जाएगा। जल्दी ही इस समस्या का निवारण किया जायेगा।

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