Use Of Kashmiri Garlic: 2000 रुपये किलो वाला यह पहाड़ी लहसुन करेगा शुगर और कोलेस्ट्रॉल गायब! जानें इसके चमत्कारी फायदे

Use Of Kashmiri Garlic
Use Of Kashmiri Garlic: 2000 रुपये किलो वाला यह पहाड़ी लहसुन करेगा शुगर और कोलेस्ट्रॉल गायब! जानें इसके चमत्कारी फायदे

Use Of Kashmiri Garlic: अनु सैनी। कश्मीर की वादियों में उगने वाला कश्मीरी लहसुन, जिसे स्थानीय भाषा में स्नो गार्लिक या एकल कल्याण लहसुन भी कहा जाता है, आजकल अपने औषधीय गुणों की वजह से देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सामान्य लहसुन की तुलना में यह आकार में छोटा होता है, लेकिन इसके गुण अनेक बीमारियों को दूर करने वाले माने जाते हैं। यही कारण है कि इसकी कीमत बाजार में करीब 2000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। यह न केवल रसोई की चीज़ है बल्कि एक प्राकृतिक औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर को अंदर से स्वस्थ रखता है।

कश्मीर की धरती से निकलने वाली औषधीय फसल | Use Of Kashmiri Garlic

कश्मीरी लहसुन हिमालय की ऊँचाई पर ठंडी जलवायु में उगाया जाता है। यह वह क्षेत्र है जहाँ मिट्टी और वातावरण में औषधीय गुण पाए जाते हैं। देहरादून में आयोजित “धरोहर कार्यक्रम” में पहुंचे कश्मीर के किसान आकिब ने बताया कि वह इस लहसुन की खेती कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में करते हैं। उनके अनुसार, सामान्य लहसुन सिर्फ सब्जी या स्वाद बढ़ाने के लिए प्रयोग होता है, जबकि यह पहाड़ी लहसुन दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। आकिब का कहना है कि जो लोग रोज़ सुबह खाली पेट इस लहसुन की दो या तीन कलियाँ खाते हैं, उनमें डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल और पेट से जुड़ी समस्याएं कम हो जाती हैं।

महंगे दाम का असली कारण

कश्मीरी लहसुन की खेती आसान नहीं होती। यह बर्फीले पहाड़ों में सीमित मात्रा में उगाया जाता है। उत्पादन कम और मांग अधिक होने के कारण इसकी कीमत सामान्य लहसुन से कई गुना अधिक होती है। जहाँ सामान्य लहसुन ₹150-200 किलो में मिल जाता है, वहीं यह 2000 रुपये किलो तक बिकता है। लेकिन इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे थोड़ा-थोड़ा खाकर लंबे समय तक उपयोग किया जा सकता है। इसकी औषधीय ताकत इतनी अधिक होती है कि यह शरीर में जमा विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है।

शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लिए रामबाण

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. शालिनी जुगरान के अनुसार, कश्मीरी लहसुन सिर्फ एक मसाला नहीं बल्कि “प्राकृतिक वरदान” है। इसमें मौजूद सल्फर कंपाउंड और एंटीऑक्सीडेंट तत्व शुगर (डायबिटीज) और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में बेहद कारगर हैं। अगर इसे नियमित रूप से खाया जाए तो यह शरीर में इंसुलिन की कार्यप्रणाली को संतुलित रखता है और ब्लड शुगर को नियंत्रण में लाता है। साथ ही, यह खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाता है, जिससे हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।

खाली पेट सेवन का महत्व

आयुर्वेद में कहा गया है कि सुबह खाली पेट लिया गया भोजन शरीर को सबसे अधिक लाभ देता है। इसी सिद्धांत के अनुसार, कश्मीरी लहसुन को भी सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है। डॉ. शालिनी बताती हैं कि रोज़ सुबह दो से तीन कलियाँ चबाकर या पीसकर पानी के साथ लेने से इसका असर तुरंत महसूस किया जा सकता है। इससे शरीर की सफाई होती है, पेट साफ रहता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। रात में भी सोने से पहले इसका सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और नींद अच्छी आती है।

पाचन और इम्यूनिटी के लिए अमृत समान

कश्मीरी लहसुन में पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्व शरीर की पाचन क्रिया को संतुलित रखते हैं। यह गैस, कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से राहत देता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण से बचाव करते हैं। डॉ. शालिनी के अनुसार, यह बुजुर्गों के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है। यह खून को पतला करने में मदद करता है, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा में निखार आता है, बाल मजबूत होते हैं और शरीर में ताजगी बनी रहती है।

आयुर्वेद में कश्मीरी लहसुन का महत्व

आयुर्वेदिक ग्रंथों में लहसुन को “रसोन” कहा गया है, जिसका अर्थ है — “वह जो सभी रसों का स्वामी हो।” कश्मीरी लहसुन उसी रसोन की सबसे शक्तिशाली प्रजाति मानी जाती है। इसे प्राकृतिक डिटॉक्स माना जाता है। इसका सेवन शरीर से विषैले तत्वों को निकाल देता है, रक्त संचार को बेहतर बनाता है और दिमाग को शांत रखता है। कई आयुर्वेदिक दवाओं में इसे मुख्य तत्व के रूप में मिलाया जाता है। यह उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जो लगातार थकान, कमजोरी या तनाव महसूस करते हैं।

कहां मिलेगा कश्मीरी लहसुन?

इसकी सीमित खेती केवल कश्मीर के ऊँचे पहाड़ी इलाकों में होती है, जहाँ तापमान शून्य से नीचे चला जाता है। इसलिए यह हर जगह आसानी से नहीं मिलता। आप इसे सीधे कश्मीरी किसानों या ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स स्टोर से खरीद सकते हैं। आजकल यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (जैसे Amazon, Flipkart और आयुर्वेदिक स्टोर्स) पर भी उपलब्ध है, लेकिन खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि उत्पाद ऑर्गेनिक और असली कश्मीरी लहसुन हो, क्योंकि बाजार में नकली उत्पाद भी बिक रहे हैं।

सावधानी बरतना जरूरी

हालांकि कश्मीरी लहसुन पूरी तरह प्राकृतिक है, लेकिन जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की दवा, ब्लड थिनर या सर्जरी का इलाज चल रहा है, उन्हें डॉक्टर से परामर्श करके ही इसका सेवन करना चाहिए। अत्यधिक मात्रा में सेवन से पेट में जलन या ब्लड प्रेशर अत्यधिक कम हो सकता है।
कश्मीरी लहसुन सिर्फ एक खाद्य सामग्री नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक औषधि है जो आधुनिक जीवनशैली की अनेक बीमारियों से बचाव करती है। यह शरीर को भीतर से शुद्ध करता है, रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित रखता है और लंबी उम्र प्रदान करता है। देहरादून जैसे शहरों में जब प्रदूषण और गलत खानपान से सेहत बिगड़ रही है, ऐसे में यह पहाड़ी लहसुन वास्तव में “प्रकृति का वरदान” साबित हो रहा है।

नोट:- इस आर्टिकल में बताई गई विधि, तरीकों और दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, सच कहूं इनकी पुष्टि नहीं करता है। इस तरह की किसी भी उपचार दवा या डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले अपने किसी संबंधी एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।