
Haryana Kisan News: छछरौली सच कहूं राजेंद्र कुमार। हरियाणा सरकार किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत 50% सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य पराली जलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना और अवशेषों का पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। कृषि विभाग के अनुसार, किसान एक बार में अधिकतम चार प्रकार की मशीनों के लिए आवेदन कर सकते हैं, हालांकि सब्सिडी केवल एक मशीन पर दी जाएगी। पात्रता के लिए किसान के पास पैन कार्ड, पंजीकृत ट्रैक्टर की वैध आरसी सहित आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए।
योजना में शामिल मशीनें | Haryana Kisan News
योजना के तहत सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एसएमएस), हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर/श्रेडर/मल्चर, बेलिंग मशीन और जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल जैसी मशीनें शामिल हैं, जिनसे खेतों में अवशेष नष्ट करने की बजाय उन्हें पुन: प्रयोग में लाया जा सकता है।
महत्वपूर्ण तिथियां: किसान 20 अगस्त तक आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 21 से 27 अगस्त के बीच लाभार्थियों का चयन लॉटरी प्रणाली से होगा। पात्रता प्रमाणपत्र 31 अगस्त को जारी किए जाएंगे। मशीन की खरीद की अंतिम तिथि 20 सितंबर है, जबकि खरीदी गई मशीनों के बिल अपलोड करने की अंतिम तारीख 27 सितंबर तय की गई है।
आॅनलाइन आवेदन प्रक्रिया
आवेदन के लिए किसान को कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट agriharyana.gov.in पर लॉगइन करना होगा। साथ ही मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है।
किसान अपनी पसंद के किसी भी सूचीबद्ध निमार्ता या डीलर से मशीन खरीद सकते हैं, बशर्ते वह कृषि विभाग के पोर्टल पर अनुमोदित हो। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना का लाभ लेकर किसान न केवल पर्यावरण को प्रदूषण से बचा सकते हैं, बल्कि खेत की उर्वरता भी बढ़ा सकते हैं, जिससे उत्पादन में सुधार होगा और खेती अधिक लाभकारी बन सकेगी।