मंदिर में प्रवेश का इतिहास रचने से 500 मीटर दूर रह गईं दो महिलाएं, विरोध के बाद लौटना पड़ा

Two Women, Who lived 500 Meters Away From The History Of Entering The Temple

तिरुवनंतपुरम।

केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद जारी है। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को दो महिलाएं- हैदराबाद की पत्रकार कविता जक्कल और सामाजिक कार्यकर्ता रेहाना फातिमा को मंदिर में प्रवेश करने नहीं दिया। दोनों को मंदिर से 500 मीटर दूर से लौटना पड़ा। इससे पहले आईजी एस श्रीजीत के नेतृत्व में इन्हें 150 जवानों की सुरक्षा में मंदिर ले जाया जा रहा था, लेकिन आंदोलनकारियों ने वालिया नदापंधल के पास रोक दिया। जब दोनों महिलाएं मंदिर की तरफ बढ़ रही थीं, रास्ते में मौजूद श्रृद्धालु अयप्पा मंत्र का जाप कर रहे थे।

आईजी श्रीजीत ने कहा कि पुलिस सबरीमाला में किसी तरह का टकराव नहीं चाहती। खासकर श्रद्धालुओं के साथ तो बिलकुल नहीं। पुलिस केवल कानून का पालन कर रही है। श्रीजीत ने कहा कि हम दोनों महिलाओं को दर्शन कराने के लिए लेकर गए थे, लेकिन पुजारियों ने मंदिर में प्रवेश देने से मना कर दिया। उन्होंने मुझे बताया कि अगर हमने मंदिर आने की कोशिश की तो वे मंदिर को बंद कर देंगे। इससे पहले, बुधवार को दो महिलाएं मंदिर के करीब पहुंचने में कामयाब रहीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया था।

पुजारी भी विरोध में उतरे : सबरीमाला मंदिर के मुख्य पुजारी कंडारू राजीवारू ने शुक्रवार को कहा कि हम मंदिर को ताला लगाकर चाबी सौंप देंगे। हम श्रृद्धालुओं के साथ हैं। हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। एक दिन पहले राजीवारू ने अपील की थी कि 10-50 साल की आयु की महिलाएं मंदिर में न आएं।

‘सामाजिक कार्यकर्ता प्रवेश करने की कोशिश में’ : राज्य देवासम (धार्मिक ट्रस्ट) मंत्री के सुंदरन ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता जैसे कुछ लोग ही मंदिर में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार के लिए यह पता लगाना मुश्किल है कि कौन श्रद्धालु और कौन सामाजिक कार्यकर्ता है? उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि वहां दो महिलाएं हैं, जिनमें एक पत्रकार है।

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