एसडीआरएफ का पैसा दुरुपयोग करती रही पूर्व सरकार, ‘कैग’ कई बार जता चुकी आपत्ति

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Chandigarh News: एसडीआरएफ का पैसा दुरुपयोग करती रही पूर्व सरकार, ‘कैग’ कई बार जता चुकी आपत्ति

8194 करोड़ कर चुकी थी अनधिकृत खर्च, अब ‘आप’ सरकार के लिए बनी ‘आफत’

  • नियमानुसार आपदा के लिए आए पैसे को वेतन या अन्य खर्चों पर नहीं किया जा सकता उपयोग

चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Chandigarh News: स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (एसडीआरएफ) को लेकर जारी विवाद में ‘कैग’ की कई रिर्पोटों ने बड़ा खुलासा किया है कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने इस फंड को कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्चों पर खर्च कर लिया गया था। इस मामले में कैग ने एक बार नहीं बल्कि कई बार आपत्ति जताते हुए राज्य सरकार को इसका अनधिकृत उपयोग बंद करने के आदेश दिए, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस फंड पर सरकारी नियमोें के तहत ब्याज देने तक की हामी भर दी। Chandigarh News

इसके बाद कैग ने आरबीआई के नियमों और ओवरड्राफ्ट के दौरान दिए जाने वाले ब्याज के आधार पर पंजाब सरकार को आदेश दिए कि स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के बकाए पैसों पर ब्याज जमा करवाया जाए। इस कारण यह पैसा आज आम आदमी पार्टी सरकार के लिए बड़ी ‘आफत’ बन चुका है, क्योंकि आम आदमी पार्टी सरकार को विरासत में 8194 करोड़ रुपये का यह बोझ मिला है। अभी तक सरकार इस हिसाब-किताब को समझ नहीं पाई है। कांग्रेस सरकार से विरासत में मिले 8194 करोड़ के अनधिकृत कर्ज पर पंजाब सरकार को हर साल 700 करोड़ रुपये से अधिक का ब्याज देना पड़ रहा है।

अब हालात ऐसे हैं कि ब्याज पर भी ब्याज चुकाना पड़ रहा है और सरकार को केवल ब्याज के तौर पर ही एक साल में लगभग 900 करोड़ रुपये एसडीआरएफ फंड में जमा कराने पड़ रहे हैं। इसी कारण फंड में 12,589 करोड़ रुपये का बकाया दिख रहा है, जबकि वास्तव में इसमें केवल करीब 1700 करोड़ रुपये ही बचे हैं। Chandigarh News

ब्याज पर ब्याज दे रहा पंजाब, अब सालाना 900 करोड़ से अधिक देना होगा ब्याज

स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड का पैसा अनधिकृत खर्च करने के चलते पंजाब सरकार को पिछले कई सालों से ब्याज पर ही ब्याज देना पड़ रहा है, जिस कारण ही अब पंजाब सरकार को 900 करोड़ रुपये के लगभग ब्याज देना होगा, जबकि बीते 2023-24 में सरकार को 818 करोड़ रुपये सिर्फ ब्याज के रूप में देने पड़े थे। आसान शब्दों में कहा जाए कि ‘कैग’ हर साल स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड के बकाये को आॅडिट के दौरान आरबीआई के नियमों अनुसार बकाया राशि पर ब्याज जमा करवाने को कहती है तो अगले साल पिछला बकाया व ब्याज को जोड़ कर जो राशि बनती है, जिसे असल राशि मानते हुए उस पर ब्याज लगाया जाता है।

साल 2020-21 में 6999.48 करोड़ रुपये राज्य आपदा रिस्पांस फंड में बकाया था तो राज्य सरकार को 457.62 करोड़ रुपये ब्याज देना पड़ा, इसी तरह 2021-22 में 8194 करोड़ बकाया था तो राज्य सरकार को 637.57 करोड़ रुपये ब्याज देना पड़ा था। 2022-23 में असल व ब्याज को जोड़कर कुल बकाया 9041 करोड़ था तो राज्य सरकार को 817.56 करोड़ रुपए ब्याज देना पड़ा है। हर साल ब्याज देने के बावजूद अगले साल उसे ब्याज पर ही ब्याज राज्य सरकार को देना पड़ रहा है। Chandigarh News

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