
‘वादी संवाद दिवस’ से न्याय प्रक्रिया को मिली गति, हजारों वादियों को मिला संतोषजनक संवाद
- वादी संवाद जनहितकारी, पारदर्शी और विश्वास बढ़ाने वाला कदम: पुलिस आयुक्त
- पुलिस और वादियों के बीच संवाद और सहयोग की भावना हुई मजबूत: जे. रविंदर गौड़
गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। Ghaziabad News: जनपद में जन-जन को त्वरित, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने एक सराहनीय और जनोन्मुखी पहल करते हुए ‘वादी संवाद नीति’ को प्रभावी रूप से लागू किया है। पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड के निर्देशन में शुरू की गई इस नीति के अंतर्गत प्रत्येक बुधवार को सभी थानों पर ‘वादी संवाद दिवस’ आयोजित किया जा रहा है, जिससे पुलिस और वादियों के बीच सीधा, सार्थक और भरोसेमंद संवाद स्थापित हो सके। Ghaziabad News
इस क्रम में 03 सितंबर 2025 को कमिश्नरेट गाजियाबाद के समस्त थानों पर प्रथम वादी संवाद दिवस का आयोजन किया गया था। इसके बाद से लगातार यह पहल जारी है और 24 दिसंबर 2025 तक आयोजित संवाद दिवसों ने गाजियाबाद पुलिसिंग को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। और आमजन (वादी)अपनी विवेचना की वर्तमान मामलों की प्रगति जानकर राहत महसूस कर रहा है। पुलिस आयुक्त की इस पहल की जनपद में खूब रहना भी हो रही है।
वादियों को थाने बुलाकर हुआ सीधा संवाद
वादी संवाद दिवस का मुख्य उद्देश्य विवेचनाधीन अभियोगों,जैसे- एफ.आई.आर., एन.सी.आर. तथा गुमशुदगी के मामलों से संबंधित वादियों को थाने पर आमंत्रित कर, उन्हें उनके मामलों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराना है। खास बात यह है कि इस विशेष दिवस पर वादियों को संबंधित विवेचकों के साथ बैठाकर संवाद कराया जाता है, जहां विवेचना की वर्तमान स्थिति, अब तक की प्रगति और आगे की कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम के दौरान वादियों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का तथ्यात्मक, उचित और संतोषजनक उत्तर दिया जाता है, ताकि किसी भी प्रकार की शंका या भ्रम न रहे। इस प्रक्रिया से वादियों को न केवल अपने मामलों की अद्यतन जानकारी मिलती है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया के प्रति उनका विश्वास भी सुदृढ़ होता है।
वादी संवाद दिवस का मुख्य उद्देश्य और महत्व | Ghaziabad News
वादी संवाद दिवस के माध्यम से पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को साधने का प्रयास किया है,जैसे -वादियों को उनके प्रकरणों की स्पष्ट और समयबद्ध जानकारी देकर पारदर्शिता सुनिश्चित करना। पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास का मजबूत वातावरण तैयार करना। न्यायिक प्रक्रिया को शीघ्र, प्रभावी और संवेदनशील बनाना। वादियों की संतुष्टि और विश्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है ।
सकारात्मक परिणाम, बढ़ता विश्वास
इस पहल के सकारात्मक परिणाम स्पष्ट रूप से सामने आए हैं। वादी संवाद दिवस के माध्यम से हजारों वादियों को अपने मामलों की प्रगति की जानकारी मिली, जिससे उनकी चिंता और असंतोष में कमी आई। पुलिस और वादियों के बीच संवाद और सहयोग की भावना मजबूत हुई है। बड़ी संख्या में वादियों ने इस पहल को जनहितकारी, पारदर्शी और विश्वास बढ़ाने वाला कदम बताया है।
आंकड़ों में वादी संवाद दिवस
कमिश्नरेट गाजियाबाद के सभी थानों पर 03 सितम्बर 2025 से 24 दिसंबर 2025 तक आयोजित वादी संवाद दिवसों का जोनवार संख्यात्मक विवरण इस प्रकार है,आयोजित वादी संवाद दिवस :17,नगर जोन :1687 वादी,ट्रांस हिंडन जोन :1244 वादी,ग्रामीण जोन:2196 वादी और कुल वादी : 5127 ने विवेचकों से सीधा संवाद कर अपने मामलों की वर्तमान प्रगति की जानकारी ली ।
वादी संवाद जन केन्द्रित पुलिसिंग की बना मिसाल
पुलिस आयुक्त जे.रविंदर गौड़ के निर्देशन में संचालित वादी संवाद दिवस गाजियाबाद पुलिस की जन सरोकार आधारित पुलिसिंग का सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक वादी को अपने प्रकरण की सही और समय पर जानकारी मिले तथा न्यायिक प्रक्रिया के प्रति उन्हें संतोष और भरोसा प्राप्त हो। पुलिस आयुक्त श्री गौड़ ने स्पष्ट किया है कि जन केन्द्रित पुलिसिंग को और अधिक मजबूत करने के लिए भविष्य में भी इसी प्रकार के नवाचार जारी रहेंगे, ताकि पुलिस और जनता के बीच सहयोग, विश्वास और पारदर्शिता की नींव और मजबूत हो सके।
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