Trump’s ‘Liberation Day’ tariffs banned: अमेरिकी अदालत का ट्रंप को झटका: ट्रंप के ‘लिबरेशन डे’ टैरिफ पर रोक

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Trump's 'Liberation Day' tariffs banned: अमेरिकी अदालत का ट्रंप को झटका: ट्रंप के 'लिबरेशन डे' टैरिफ पर रोक। फोटो: 'X'

Trump’s ‘Liberation Day’ tariffs banned: वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा झटका देते हुए संघीय व्यापार न्यायालय ने उनके प्रस्तावित ‘लिबरेशन डे’ आयात शुल्क को गैरकानूनी ठहराते हुए अमान्य कर दिया है। न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि ट्रंप द्वारा इस निर्णय के माध्यम से अपने संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन किया गया है। Trump tariffs News

‘लिबरेशन डे’ टैरिफ को दिया अवैध करार | Trump tariffs News

मैनहट्टन स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में तीन न्यायाधीशों के एक पैनल ने यह निर्णय बुधवार को सुनाया। अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा व्यापार असंतुलन को राष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित करते हुए टैरिफ लगाने का निर्णय आईईईपीए (अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम) की सीमाओं से बाहर था।

ट्रंप प्रशासन ने अपनी कार्रवाई को चीन और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार घाटे को राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा बताते हुए उचित ठहराने की कोशिश की। प्रशासन ने यह भी कहा कि इन टैरिफों को रोकना न केवल चीन के साथ व्यापार समझौते को प्रभावित करेगा, बल्कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को भी दोबारा जन्म दे सकता है।

ट्रंप की कानूनी टीम ने अदालत में दावा किया कि राष्ट्रपति ने दक्षिण एशिया में तनाव कम करने के लिए अपनी आपातकालीन शक्तियों का रणनीतिक प्रयोग किया था। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप की कड़ी व्यापार नीति ने अप्रत्यक्ष रूप से भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौते को संभव बनाया, जो कि अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हुआ था।

फैसला दो मुख्य मुकदमों के संदर्भ में सुनाया गया | Trump tariffs New

हालांकि, भारत सरकार ने इन दावों को नकारते हुए स्पष्ट किया कि अमेरिका की इस प्रक्रिया में कोई सीधी भूमिका नहीं थी और पाकिस्तान ने ही भारत से सैन्य प्रतिक्रिया रोकने का अनुरोध किया था। अदालत ने अपने निर्णय में कहा, “संविधान के अनुसार, विदेशी व्यापार को नियंत्रित करने का विशेषाधिकार कांग्रेस को प्राप्त है, न कि राष्ट्रपति को असीमित रूप से। आपातकालीन शक्तियाँ इस संवैधानिक व्यवस्था को समाप्त नहीं कर सकतीं।”

यह फैसला दो मुख्य मुकदमों के संदर्भ में सुनाया गया: पहला, लिबर्टी जस्टिस सेंटर द्वारा पाँच छोटे अमेरिकी व्यापारियों की ओर से, जो लक्षित देशों से आयात पर निर्भर हैं; और दूसरा, 13 अमेरिकी राज्यों द्वारा दाखिल याचिका, जिसमें बिना उचित विधायी प्रक्रिया के लगाए गए टैरिफों से व्यापार पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों की शिकायत की गई थी। हालाँकि अदालत का निर्णय ट्रंप की योजना को अवैध ठहराता है, फिर भी ट्रंप प्रशासन ने तुरंत इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल कर दी है, जिससे यह संकेत मिला कि कानूनी लड़ाई अभी जारी रहेगी।

उल्लेखनीय है कि 2 अप्रैल को ट्रंप ने अमेरिका के बड़े व्यापारिक साझेदारों पर 10% आधार टैरिफ और व्यापार घाटे वाले देशों (जैसे चीन, यूरोपीय संघ) पर उच्च दर से शुल्क लगाने की घोषणा की थी। इससे वित्तीय बाजारों में भारी अस्थिरता देखने को मिली, और कुछ देशों के टैरिफों पर अस्थायी रोक लगानी पड़ी। बाद में, 12 मई को ट्रंप प्रशासन ने चीन के साथ व्यापार वार्ता को स्थिर करने के उद्देश्य से कुछ शुल्कों को अस्थायी रूप से कम करने की घोषणा की, जो आगामी 90 दिनों तक प्रभावी रहेंगे। Trump tariffs News

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