US Visa Rules: जैसे-जैसे अमेरिका अपनी वीज़ा नीति को और कठोर बना रहा है, वैसे-वैसे वीज़ा प्रक्रिया भी पहले की तुलना में कहीं अधिक जटिल होती जा रही है। अब वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है, जिससे त्वरित रूप से अमेरिकी वीज़ा मिलना बेहद कठिन हो गया है। US Visa
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इमिग्रेशन मामलों के विशेषज्ञ अधिवक्ता ब्रैड बर्नस्टीन का कहना है कि यह सख्ती मुख्य रूप से H-1B और H-4 वीज़ा श्रेणियों पर केंद्रित है, लेकिन छात्र वीज़ा और अन्य अस्थायी (नॉन-इमिग्रेंट) वीज़ा आवेदक भी इसकी जद में आ रहे हैं। उनके अनुसार, इमिग्रेशन अधिकारी अब आवेदकों के सोशल मीडिया खातों की सूक्ष्मता से समीक्षा करेंगे ताकि किसी भी प्रकार की असंगति या विरोधाभास का पता लगाया जा सके। यदि किसी आवेदक की प्रोफाइल निजी (लॉक) पाई जाती है, तो उसका वीज़ा आवेदन अस्वीकृत होने की आशंका बढ़ जाती है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वीज़ा आवेदक से जुड़े सभी प्रमुख सोशल मीडिया मंचों—जैसे इंस्टाग्राम, टिकटॉक, फेसबुक, एक्स, लिंक्डइन, स्नैपचैट आदि—की पड़ताल करें। इसके अलावा, इंटरनेट पर उपलब्ध आवेदक से संबंधित रिज़्यूमे, ब्लॉग, लेख, या यूट्यूब पर की गई टिप्पणियां भी जांच के दायरे में होंगी। इमिग्रेशन विशेषज्ञों का सुझाव है कि वीज़ा के इच्छुक उम्मीदवार स्वयं अपने नाम को इंटरनेट पर खोजें, ताकि यह समझ सकें कि सार्वजनिक रूप से उनके बारे में क्या जानकारी उपलब्ध है। साथ ही, वीज़ा साक्षात्कार से पहले अपने ऑनलाइन प्रोफाइल में मौजूद किसी भी प्रकार की विसंगति को ठीक कर लेना चाहिए। US Visa
”कहीं आवेदक स्थायी रूप से अमेरिका में बसने का इरादा तो नहीं रखता”
बर्नस्टीन के अनुसार, अधिकारी इस बात के संकेत खोजते हैं कि कहीं आवेदक स्थायी रूप से अमेरिका में बसने का इरादा तो नहीं रखता। अमेरिका के प्रति शत्रुतापूर्ण टिप्पणियां, चरमपंथी संगठनों के प्रति सहानुभूति, संदिग्ध कार्यों का इतिहास, या आवेदन के बाद पोस्ट हटाने जैसे संकेत नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी आवेदक ने वीज़ा फॉर्म में स्वयं को पूर्णकालिक छात्र बताया है, लेकिन उसके लिंक्डइन प्रोफाइल पर फ्रीलांस कार्य या अन्य रोजगार दर्शाया गया है, तो उसकी विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आ जाती है। इसी प्रकार, सोशल मीडिया पर अमेरिका में स्थायी रूप से रहने की इच्छा जताने वाले बयान भी इमिग्रेंट इरादे के प्रमाण माने जा सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी स्पष्ट किया है कि वीज़ा आवेदन जमा करने के बाद किसी भी प्रकार की ऑनलाइन सामग्री हटाना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि इससे संदेह और गहरा सकता है।
गौरतलब है कि 15 दिसंबर से अमेरिकी दूतावासों और कांसुलर कार्यालयों को वीज़ा आवेदकों के सोशल मीडिया खातों की अनिवार्य जांच के निर्देश दिए गए हैं। इसके प्रभावस्वरूप, दिसंबर के उत्तरार्ध में निर्धारित कई वीज़ा अपॉइंटमेंट्स को अगले वर्ष मार्च के बाद के लिए स्थगित कर दिया गया है, जिससे अनेक H-1B उम्मीदवार अनिश्चित स्थिति में भारत में ही प्रतीक्षा करने को मजबूर हो गए हैं। US Visa















