योगी की कसम…मिट्टी में मिलाने वाला एक्शन, चला बुलडोजर…

अतीक के करीबी का घर…दौड़ चला बुलडोजर

प्रयागराज (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश पुलिस-प्रशासन ने बुधवार को अतीक अहमद के करीबी जफर अहमद के घर पर बुलडोजर चलाया है। प्रयागराज पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की मौजूदगी में संपत्तियों को तोड़ा गया। जफर अहमद इस मामले में आरोपी है। बीते शुक्रवार को धूमनगंज थाना अंतर्गत जयतीपुर में उमेश पाल और उसके एक सुरक्षाकर्मी की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। वहीं श पाल हत्याकांड के बाद बाहुबली अतीक अहमद को अपने एनकाउंटर का खतरा लग रहा है। अतीक ने बुधवार (1 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि उसे यूपी पुलिस के हवाले न किया जाए।

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सदाकत को जानती तक नहीं: ऋचा

प्रयागराज हत्याकांड के साजिशकतार्ओं में शामिल सदाकत खान से पल्ला झाड़ते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता ऋचा सिंह ने कहा कि वह आरोपी को जानती तक नहीं है। सदाकत खान के साथ खुद के ताल्लुकात के बारे में सपा प्रमुख के विधानसभा में दिये गये बयान पर उन्होंने कहा ‘हम सभी हिन्दी भाषी हैं और हिन्दी को अच्छी तरह जानते हैं। यदि मैने मिलवाया होता तो वह कहते मिलवाने वाली मेरे साथ है, पर उन्होने ऐसा कुछ नहीं कहा। सुश्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष से किसी की मुलाकात कराई जाती है तो उसकी सूची पहले भेजी जाती है। उन्होंने पार्टी से कहा है कि यदि उनके द्वारा मुलाकात कराने की ऐसी कोई सूची उनके पास है तो उन्हें उपलब्ध करायें। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि ‘फोटो में वह लोग भी हैं जिन्होंने सदाकत की उनसे मुलाकात करवाई है। शायद वह अहमद हसन की तरफ इशारा कर रहे थे। अहमद हसन साहब मुस्लिम बोर्डिंग के एल्यूमिनाई भी थे। यदि उनसे सदाकत कि मुलाकात मैने करवायी होती तो वह मेरा नाम ले सकते थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं कहा।

हाईकोर्ट का वकील नहीं है सदाकत: अमरेन्दु सिंह

राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल अपराधियों की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार सदाकत खान को अधिवक्ता बताए जाने इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने नाराजगी जताते हुये साफ किया है कि सदाकत का वकालत के पेशे से कोई संबंध नहीं है। बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव (प्रेस) अमरेन्दु सिंह ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि विभिन्न समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में अपराधी सदाकत खान को अधिवक्ता लिखकर भ्रम फैलाया जा रहा है। सदाकत इलाहाबाद बार एसोसिएशन का कभी सदस्य नहीं रहा और न ही इस नाम का कोई अधिवक्ता नहीं है। उसने सदस्यता ग्रहण करने के लिए आवेदन भी नहीं किया है।

क्या है मामला

सिंह ने कहा कि इस प्रकार की भ्रामक और तथ्यहीन सूचना प्रकाशित अथवा प्रसारित होने से उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं की छवि धूमिल होती है। एसोसिएशन अपने सभी सम्मानित सदस्यों के हित, सम्मान और संरक्षण के लिए हमेशा तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। उन्होने मीडिया से बिना सच परखे कोई भी तथ्यहीन एवं आधारहीन खबरों को प्रकाशित अथवा प्रचारित करने से बचने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि सदाकत खान को एसटीएफ ने दो दिन पहले गिरफ्तार किया है। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम हॉस्टल में अनाधिकृत रह रहा था। उसने उमेश हत्याकांड से संबंधित बहुत से राज भी उगले हैं।

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