उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने दिया इस्तीफा

CM-Rawat

देहरादून (सच कहूँ ब्यूरो)। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंपा। इसके साथ ही प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर दो दिनों से चल रही कयासबाजी पर विराम लग गया है। बीते कुछ दिनों से यह चर्चा थी कि बीजेपी आलाकमान ने उत्तराखंड में नेतृत्व बदलने का फैसला किया है। इसी सिलसिले में रावत को दिल्ली तलब किया गया था। आखिरकार दिल्ली से वापस अपने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया है। अब राज्य के नए मुख्यमंत्री के लिए जल्द ही विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। इसी बैठक में नए नेता का चुनाव किया जाएगा।

इस वजह से गई कुर्सी

बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीएम पद से हटाने का फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। पर्यवेक्षकों ने कोर ग्रुप और प्रमुख विधायकों-सांसदों की राय के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व को बताया था कि राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसके बाद से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भूमिका तैयार हो गई थी।

मुझे ये स्वर्णिम अवसर मेरी पार्टी ने दिया। मैंने देव भूमि के मुख्यमंत्री के रूप में 4 साल तक काम किया। मैंने सोचा भी नहीं था कि पार्टी मुझे इतना बड़ा सम्मान देगी। पार्टी ने विचार किया और सामूहिक रूप से निर्णय किया कि किसी और को मौका दिया जाए। जिनको भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी। वे अब इसे आगे बढ़ाएंगे।
ल्ल त्रिवेंद्र सिंह रावत, निवर्तमान सीएम

मुख्यमंत्री के दावेदार: उत्तराखंड के नए सीएम की रेस में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट और धन सिंह रावत का नाम आगे है। तीनों में से किसी एक को नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि नए सीएम के लिए सतपाल महाराज के नाम पर भी चर्चा चल रही है।

राज्य गठन से अब तक की सियासत

  • 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड अलग राज्य बना। 21 साल में अब तक आठ लोग मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं।
  •  9 फरवरी 2000 को भाजपा के नित्यानंद स्वामी पहले सीएम बने। नाराजगी के चलते उन्हें 29 अक्टूबर 2001 को इस्तीफा देना पड़ा।
  •  2001 में भाजपा के भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री बने। वे एक मार्च 2002 तक इस पद पर रहे। 2002 उनकी अगुआई में पार्टी विधानसभा चुनाव हार गई।
  •  2002 में कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने। उन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। 2007 में कांग्रेस विधानसभा चुनाव हार गई।
  •  2007 में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। 8 मार्च 2007 से 23 जून 2009 तक भुवनचंद्र खंडूरी सीएम रहे। 24 जून को भाजपा ने रमेश पोखरियाल और 10 सितंबर 2011 को दोबारा खंडूरी को सीएम बनाया।
  •  2012 में कांग्रेस की वापिसी हुई। पहले विजय बहुगुणा फिर एक फरवरी 2014 को हरीश रावत मुख्यमंत्री बने। 2016 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। रावत को कोर्ट से राहत मिली और फिर मुख्यमंत्री बने।
  •  2017 में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाई। 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।