
जाखल (तरसेम सिंह)। गांव चांदपुरा में कुछ दिन पहले नाली किनारे पांच माह का भ्रूण मिलने के मामले ने अब पूरे इलाके में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। ग्रामीणों ने इस गंभीर मामले में पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि घटना को लेकर जांच बेहद धीमी चल रही है और अब तक दोषी व्यक्ति का कोई सुराग नहीं लग पाया है।
गांव चांदपुरा में 22 अक्तूबर की सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब गुरुद्वारा के पास गली में नाली किनारे लगभग पांच माह का भ्रूण पड़ा मिला। इस दर्दनाक दृश्य को देखकर लोग सन्न रह गए।
ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना जाखल पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भ्रूण को कब्जे में लिया और जांच शुरू की। बाद में भ्रूण को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम किया, जिसके बाद भ्रूण को गांव वापस लाया जाना था ताकि उसका अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक किया जा सके। लेकिन ग्रामीणों में पुलिस जांच को लेकर पहले से ही असंतोष था। इसी बीच पुलिस प्रशासन ने बच्ची का अंतिम संस्कार फतेहाबाद की शिवपुरी
सुधार सभा में करते हुए दफना दिया गया। इस फैसले से गांववासियों में और भी नाराजगी फैल गई। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने उनसे बिना पूछे निर्णय लिया, जिससे उनके मन में और अधिक अविश्वास पैदा हुआ है।
पुलिस की जांच जारी, परिणाम का इंतजार
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच की जा रही है और कुछ सुराग भी मिले हैं, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, वे चैन से नहीं बैठेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि यह घटना समाज में गिरती नैतिकता और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों का उदाहरण है। उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसे अपराधों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को बेहतर और सुरक्षित समाज मिल सके।
ग्रामीणों का प्रदर्शन और कैंडल मार्च
सोमवार को गांववासी एकत्र हुए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने गलियों में हाथों में मोमबत्तियां लेकर “कन्या भ्रूण हत्या बंद करो”, “दोषियों को सजा दो” जैसे नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा कि यह केवल एक परिवार या गांव का नहीं, बल्कि पूरे समाज का मामला है और इस अपराध के पीछे जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। ग्रामीणों ने चेतावनी है कि यदि कुछ ही दिनों में जांच में प्रगति नहीं हुई और अपराधी बेनकाब नहीं हुए, तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करने से पीछे नहीं हटेंगे।














