Signs of Vitamin B12 Deficiency: विटामिन B12 की कमी सिर्फ कमजोरी नहीं, अंधेपन तक ले जा सकती है, आंखें देती हैं ये 4 चेतावनी संकेत, जानें क्या खाएं

Signs of Vitamin B12 Deficiency
Signs of Vitamin B12 Deficiency: विटामिन B12 की कमी सिर्फ कमजोरी नहीं, अंधेपन तक ले जा सकती है, आंखें देती हैं ये 4 चेतावनी संकेत, जानें क्या खाएं

Signs of Vitamin B12 Deficiency:  अनु सैनी। हम अक्सर शरीर में विटामिन, मिनरल और अन्य पोषक तत्वों की कमी को हल्के में ले लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटा-सा पोषक तत्व विटामिन B12 आपकी आंखों की रोशनी पर गहरा असर डाल सकता है? इसकी कमी न केवल शरीर को कमजोर बनाती है, बल्कि धीरे-धीरे आंखों की नसों को भी प्रभावित कर सकती है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह समस्या स्थायी दृष्टि हानि (Permanent Vision Loss) तक पहुंच सकती है।

विटामिन B12 क्या है और क्यों जरूरी है? Signs of Vitamin B12 Deficiency

विटामिन B12 (कोबालामिन) एक आवश्यक पोषक तत्व है जो हमारे शरीर में खुद नहीं बनता। इसे हमें भोजन या सप्लीमेंट्स के माध्यम से प्राप्त करना पड़ता है। यह विटामिन शरीर की कई जरूरी प्रक्रियाओं में भूमिका निभाता है — जैसे कि रेड ब्लड सेल्स बनाना, नर्व सिस्टम को स्वस्थ रखना और ऊर्जा उत्पादन करना।

जैसे शरीर को प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम की जरूरत होती है, वैसे ही विटामिन B12 भी जरूरी है। इसकी कमी से शरीर में कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती हैं — जैसे थकान, कमजोरी, चक्कर आना, मूड में उतार-चढ़ाव, हाथ-पैरों में झनझनाहट या डिप्रेशन। लेकिन कम लोग जानते हैं कि यह कमी आंखों की सेहत पर भी गहरा असर डालती है।

आंखों पर विटामिन B12 की कमी का असर

एनसीबीआई (NCBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, विटामिन बी12 की कमी से आंखों की आॅप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। यह नस आंखों से दिमाग तक देखने की जानकारी पहुंचाने का काम करती है। जब यह प्रभावित होती है, तो आंखों से देखने की क्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है।
शुरूआत में हल्की धुंध या धुंधलापन नजर आता है, लेकिन यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है। लंबे समय तक विटामिन बी12 की कमी रहने पर यह समस्या आॅप्टिक न्यूरोपैथी नामक बीमारी में बदल जाती है, जिससे आंखों की रोशनी स्थायी रूप से जा सकती है।

आंखों से मिलने वाले विटामिन (NCBI) की कमी के संकेत

धुंधला या अस्पष्ट दिखना

यह विटामिन B12 की कमी का सबसे शुरूआती संकेत है। व्यक्ति को चीजें साफ नहीं दिखतीं, जैसे आंखों के सामने हल्की धुंध छाई हो। पढ़ते समय अक्षर धुंधले दिखाई देते हैं या चेहरों को पहचानने में दिक्कत होती है। कई बार यह लक्षण धीरे-धीरे बढ़ता है और व्यक्ति इसे सामान्य आंखों की थकान समझकर नजरअंदाज कर देता है।

तेज रोशनी से परेशानी होना

कुछ लोगों को हल्की सी तेज रोशनी या सूरज की चमक भी आंखों में चुभती है। ऐसा लगता है जैसे आंखों में आग सी लग रही हो या आंखें अपने आप बंद होने लगती हैं। इसे फोटोफोबिया (Photophobia) कहा जाता है और यह संकेत देता है कि आंखों की नसें कमजोर हो रही हैं।

आंखों में जलन, खुजली या रगड़ने जैसा एहसास

विटामिन बी12 की कमी से आंखों की कोशिकाएं कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनमें सूखापन और जलन बढ़ जाती है। ऐसा महसूस होता है कि आंखों में धूल या कोई कण फंसा हुआ है। इससे लगातार खुजली, लालिमा और भारीपन की समस्या बनी रहती है।

दोहरा नजर आना (Double Vision)

कई बार व्यक्ति को एक ही वस्तु दो-दो दिखाई देने लगती है। यह संकेत है कि आॅप्टिक नर्व का कार्य प्रभावित हो चुका है। लंबे समय तक ऐसा रहने पर सिरदर्द, भ्रम या आंखों का तनाव बढ़ सकता है।

इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें

अगर उपरोक्त लक्षण लगातार बने रहें, तो यह सामान्य आंखों की थकान नहीं बल्कि किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ (Eye Specialist) से तुरंत परामर्श लें और विटामिन बी12 की जांच (Vitamin B12 Test) कराएं। समय पर निदान और उपचार से न केवल दृष्टि हानि को रोका जा सकता है बल्कि आंखों की सेहत को दोबारा सामान्य किया जा सकता है।

किन कारणों से होती है विटामिन B12 की कमी

1. संतुलित आहार का अभाव: जब व्यक्ति अपने भोजन में विटामिन B12 से भरपूर चीजें शामिल नहीं करता।
2. पाचन संबंधी समस्याएं: कुछ लोगों में शरीर विटामिन B12 को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता।
3. बढ़ती उम्र: उम्र बढ़ने के साथ शरीर की विटामिन सोखने की क्षमता घट जाती है।
4. शाकाहारी भोजन: चूंकि विटामिन B12 ज्यादातर पशु-आधारित भोजन में पाया जाता है, इसलिए शुद्ध शाकाहारी लोगों में इसकी कमी ज्यादा देखी जाती है।

विटामिन B12 की कमी दूर करने के लिए क्या खाएं

दूध और डेयरी उत्पाद: दूध, पनीर और दही विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं। रोजाना एक गिलास दूध और एक कटोरी दही अपने आहार में शामिल करें।
फोर्टिफाइड सीरियल्स (Fortified Cereals)
आजकल कई सीरियल्स और अनाजों में विटामिन B12 को कृत्रिम रूप से जोड़ा जाता है। इन्हें नाश्ते में शामिल करना लाभदायक है।
सोया मिल्क और फोर्टिफाइड प्लांट ड्रिंक्स
जो लोग दूध नहीं पीते, वे फोर्टिफाइड सोया मिल्क या बादाम दूध ले सकते हैं। ये पेय पदार्थ विटामिन B12 से भरपूर होते हैं।
पनीर और छाछ: पनीर और छाछ दोनों ही पाचन के लिए अच्छे होने के साथ विटामिन B12 की पूर्ति में मदद करते हैं।
खमीर (Nutritional Yeast)
यह एक बेहतरीन शाकाहारी स्रोत है जिसमें विटामिन B12 पाया जाता है। इसे सलाद या सूप में मिलाकर खाया जा सकता है।

अन्य उपाय और सावधानियां

अगर डॉक्टर सलाह दें, तो विटामिन B12 के सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन भी लिए जा सकते हैं।
विटामिन B12 के साथ फोलेट (Folic Acid) का सेवन भी जरूरी होता है क्योंकि दोनों मिलकर शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा देते हैं। तनाव, अनिद्रा और अत्यधिक कैफीन से भी विटामिन का अवशोषण प्रभावित हो सकता है, इसलिए इन्हें सीमित करें।

क्या विटामिन B12 की कमी से आंखों की रोशनी लौट सकती है?

अगर समस्या की पहचान शुरूआती स्तर पर हो जाती है और समय पर इलाज शुरू किया जाए, तो आंखों की स्थिति में सुधार संभव है। लेकिन लंबे समय तक लापरवाही बरतने पर नसों को हुआ नुकसान स्थायी भी हो सकता है। इसलिए किसी भी तरह का धुंधलापन या दोहरा दिखना हल्के में न लें।

विटामिन B12 की कमी सिर्फ शारीरिक कमजोरी तक सीमित नहीं रहती — यह धीरे-धीरे आंखों, नसों और दिमाग को प्रभावित करती है। शरीर इसे खुद नहीं बना सकता, इसलिए हमें इसे भोजन या सप्लीमेंट के जरिए लेना पड़ता है।
अगर आप लगातार आंखों में जलन, धुंधलापन या दोहरी दृष्टि जैसी दिक्कत महसूस कर रहे हैं, तो तुरंत जांच करवाएं। समय रहते ध्यान देने से न केवल आंखों की रोशनी को बचाया जा सकता है बल्कि पूरी दृष्टि को भी लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।