जेलों में गूंजे विरोध के स्वर

Hanumangarh-news

 अन्न त्याग रहे ड्यूटी पर, पुलिस के बराबर वेतन की मांग

 जेल प्रहरियों का अन्न त्याग मैस बहिष्कार शुरू

हनुमानगढ़। पुलिस के बराबर वेतन देने की मांग को लेकर जेल प्रहरियों ने पूर्व घोषणानुसार शुक्रवार से प्रदेशव्यापी आह्वान पर बेमियादी समय के लिए मैस का बहिष्कार शुरू कर दिया। जेल प्रहरियों ने ड्यूटी करते हुए अन्न का त्याग कर अनुशासन में रहकर मैस का बहिष्कार किया। जेल प्रहरी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं। जेल प्रहरियों ने बेमियादी समय के लिए अन्न त्याग कर ड्यूटी करने की घोषणा की है। शुक्रवार को जिला मुख्यालय स्थित जिला कारागृह में भी जेल प्रहरियों ने अन्न त्याग मैस के बाहर एकत्रित होकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की।

 अन्न त्याग रहे ड्यूटी पर, पुलिस के बराबर वेतन की मांग

मांग के संबंध में 2017 में हुए समझौते की पालना करने की मांग की। जेल प्रहरियों ने कहा कि पहले जेल प्रहरियों को पुलिस कांस्टेबल के समान वेतन मिलता था, लेकिन बाद में 1998 से वेतन में विसंगति हो गई। इस विसंगति को दूर करवाने के लिए जेल प्रहरियों ने वर्ष 2017 में आंदोलन किया था और विरोध स्वरूप मैस बहिष्कार भी किया था। बाद में सरकार ने समझौता कर मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था और मांग नहीं मानी तो वर्ष 2019 में जेल प्रहरियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन और मैस बहिष्कार किया था। यह बात दूसरी है कि उस वक्त अधिकारियों ने तबादले और निलम्बित करने की धमकी देकर आंदोलन को दबा दिया था।

 जेल प्रहरियों का अन्न त्याग मैस बहिष्कार शुरू

वर्ष 2017 में हुए समझौते को लागू करने की मांग करते हुए 30 दिसम्बर को भी काली पट्टी बांधकर विरोध-प्रदर्शन किया था। मांग नहीं मानने पर 13 जनवरी से मैस बहिष्कार की चेतावनी दे रखी थी। जेल प्रहरियों ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानने तक मैस का बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने कारागृहों में तैनात आरएसी व पुलिस कार्मिकों के समकक्ष वेतनमान भत्ते व सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने, वेतन विसंगति वर्ष 1998 से कर्मचारियों को नोशनल लाभ देने व भविष्य में राज्य सरकार की ओर से आरएसी को दिए जाने वाले वेतन एवं भत्ते के अनुरूप कारागार विभाग के भी स्वत: ही लागू करने की मांग की। इस मौके पर मुख्य प्रहरी रायसिंह, मंजू दहिया सहित कई जेल प्रहरी मौजूद थे।

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