Israel Hamas War Impact: युद्ध का परिणाम विकास नहीं विनाश होता है। युद्ध का नतीजा कभी लाभ से नहीं होता युद्ध हमेशा हानि ही देता है। हानि भी ऐसी जिसकी कभी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। क्या किसी इन्सानी जिंदगी की क्षतिपूर्ति हो सकती है? क्या किसी को दोबारा जीवन दिया जा सकता है? कभी नहीं। युद्ध का परिणाम हमेशा विनाश ही होता है। विज्ञान ने जितनी तरक्की की है उसका समस्त उपयोग मानव कल्याण हेतु न होकर उसका काफी उपयोग विनाश के लिए हो रहा है। जो चिंता का विषय है। विश्व शांति व खुशहाल समाज की रचना दुनिया की जरूरत है, लेकिन अहंकार व साम्राज्यवाद की होड़ ने इस जरूरत पर कुठाराघात किया है। Israel Hamas War Impact
कहीं जाति-पाति के नाम पर कहीं धर्म के नाम पर दंगे फसाद व युद्ध हो रहे हैं। जबकि सभी धर्मों में प्रेम व अहिंसा की शिक्षा दी गई है। फिर अगर धर्म को मानते हो तो धर्म के नाम पर झगड़े क्यों? असल में ये सब झगड़े धर्मों के नाम पर राजनीतिक आकाओं की ही देन हैं जो अपनी स्वार्थसिद्धी के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। दुनिया को युद्ध की आग में धकेलने वालों से पूछना होगा कि युद्ध या आतंक से आखिर क्या हासिल होगा जब दुनिया ही नहीं रहेगी तो फिर क्या मुर्दों पर राज करोगे।
राजनीतिक आकाओं से यह पूछना होगा कि आखिर युद्ध एवम् आतंक की मानसिकता से किसका भला हो रहा है? निर्दोषों की हत्याओं से किसका भला होगा? मासूम बच्चों व महिलाओं से अत्याचार क्या किसी को सुकून दे सकता है? इस प्रकार के कृत्य क्या विश्व शांति के लिए सही है। दो पक्षों की लड़ाई में किसी तीसरे द्वारा आग में घी डालना क्या विनाश को बुलावा देना नहीं? आज यही हो रहा है। इजराइल-हमास युद्ध में अन्य देश कोई शांति प्रयास करने की बजाए अन्दर खाते एक पक्ष के साथ खड़े होकर युद्ध की विभिषिका को बढ़ा रहे हैं।
बेघर होते लोग, बिलखते बच्चे, करहाती महिलाएं क्या किसी सभ्य समाज का अंग हो सकता है? लेकिन आज ऐसा हो रहा हैं। आधुनिकता के इस युग में हम असभ्य होते जा रहे हैं। युद्ध से किसी एक देश की जीत हो सकती है लेकिन युद्ध के परिणाम मानवता के लिए घातक ही होंगे जिसकी कभी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। अतीत में हुए दो विश्वयुद्धों से अगर अब तक भी सीख नहीं ले सके तो यह विश्व के लिए दुर्भाग्य है। Israel Hamas War Impact
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