पानी बेशकीमती है, इसे सहेजना होगा

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पानी की कमी का संकट केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के लगभग सभी देशों की एक विकट समस्या बन चुका है। इसी बीच चिंता की एक खबर पाकिस्तान से आई है, जहां पानी की गंभीर समस्या बनती जा रही है। इसकी वजह से उसका सिंध प्रांत अकाल की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। सिंध के पास केवल दस दिनों का ही पानी बचा है। पाकिस्तान का मौसम विभाग पहले ही सिंध के दस जिलों में सूखा पड़ने की आशंका जता चुका है। हालांकि बलूचिस्तान सरकार ने सिंध को उनके हिस्से का पानी रोकने या इसमें कमी करने को लेकर चेतावनी दी है। बलूचिस्तान ने धमकी दी है कि यदि पानी में कमी हुई तो वो कराची की पानी की सप्लाई को काट देगा। फिलहाल दोनों ही प्रांतों में पानी की समस्या को लेकर कहा-सुनी हो रही है। भारत के संदर्भ में बात करें तो महाराष्ट्र हो या राजस्थान, बिहार हो या झारखण्ड, हरियाणा-पंजाब या फिर देश की राजधानी दिल्ली, हर साल खासकर गर्मी के मौसम में देशभर में जगह-जगह से पानी को लेकर लोगों के बीच आपस में झगड़े-फसाद की खबरें सामने आती रही हैं।

इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी का कहना है कि पृथ्वी पर उपलब्ध पानी की कुल मात्रा में से मात्र तीन प्रतिशत पानी ही स्वच्छ बचा है और उसमें से भी करीब दो प्रतिशत पानी पहाड़ों व ध्रुवों पर बर्फ के रूप में जमा है जबकि शेष एक प्रतिशत पानी का उपयोग ही पेयजल, सिंचाई, कृषि तथा उद्योगों के लिए किया जाता है। बाकी पानी खारा होने अथवा अन्य कारणों की वजह से उपयोगी अथवा जीवनदायी नहीं है। यूं भी जनसंख्या की रफ्तार तो तेजी से बढ़ रही है किन्तु भूमिगत जलस्तर बढ़ने के बजाय घट रहा है, ऐसे में पानी की कमी का संकट तो गहराना ही है। इस वक्त दुनिया भर में करीब तीन बिलियन लोगों के समक्ष पानी की समस्या मुंह बाये खड़ी है। अगर पृथ्वी पर जल संकट इसी कदर गहराता रहा तो इसे निश्चित मानकर चलना होगा कि पानी हासिल करने के लिए विभिन्न देश आपस में टकराने लगेंगे तथा दो अलग-अलग देशों के बीच युद्ध की नौबत भी आ सकती है और जैसी कि आशंकाएं जताई जा रही हैं कि अगला विश्व युद्ध भी पानी की वजह से लड़ा जा सकता है।

अगर जलसंकट बढ़ते जाने की स्थिति में वाकई ऐसा ही कुछ हुआ तो इस दुनिया का क्या हाल होगा, इसकी कल्पना करते हुए भी कलेजा कांप उठता है। भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच पानी के मुद्दे को लेकर तनातनी चलती रही है। इजराइल तथा जोर्डन और मिस्र तथा इथोपिया जैसे कुछ अन्य देशों के बीच भी पानी को लेकर काफी गर्मागर्मी देखी जा रही है। पानी की महत्ता को हमें समय रहते समझना ही होगा। इस तथ्य से हर कोई परिचित है कि जल ही जीवन है और पानी के बिना धरती पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन जब हम हर जगह पानी का दुरूपयोग होते देखते हैं तो बहुत अफसोस होता है। हमें समझ लेना होगा कि बारिश की एक-एक बूंद बेशकीमती है, जिसे सहेजना बहुत जरूरी है। अगर हम वर्षा के पानी का संरक्षण किए जाने की ओर खास ध्यान दें तो व्यर्थ बहकर नदियों में जाने वाले पानी का संरक्षण करके उससे पानी की कमी की पूर्ति आसानी से की जा सकती है और इस तरह जल संकट से काफी हद तक निपटा जा सकता है।

 

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