लगातार बारिश से नदी में उफान, दो दर्जन गांवों में दहशत का माहौल
- स्थायी समाधान की कमी पर उठे सवाल, प्रशासनिक लापरवाही से नाराज ग्रामीण
मूनक (सच कहूँ/मोहन सिंह)। Punjab Floods News: मूनक सब-डिवीजन के खनौरी मापदंड के अनुसार बुधवार दोपहर 2 बजे घग्गर नदी का जलस्तर 748.6 फुट दर्ज किया गया, जबकि खतरे का निशान 748 फुट है। यानी नदी का पानी अब खतरे के स्तर से ऊपर जा चुका है, जिससे क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है। लगातार हो रही बारिश ने हालात को और गंभीर बना दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में हुई बारिश का पानी दो से तीन दिन में घग्गर नदी तक पहुँचता है, लेकिन नदी से निकलने में कई दिन और लग जाते हैं। इस कारण बरसात का पूरा मौसम बाढ़ के डर के साये में गुजरता है। ग्रामीणों ने बताया कि यह संकट वे गवर्नर राज से लेकर आज तक झेलते आ रहे हैं और कई बार जान-माल का नुकसान भी सहना पड़ा है।
बरिन्द्र गोयल के प्रयासों से मिली आंशिक राहत | Moonak News
साल 2023 में हलका विधायक और मौजूदा कैबिनेट मंत्री बरिन्द्र गोयल के प्रयासों से मकौरड़ से मूनक तक नदी के दोनों किनारों को 15-16 फुट चौड़ा किया गया, जिससे मशीनरी की आवाजाही संभव हो सकी। पहले कोई रास्ता नहीं था, जिससे राहत कार्यों में बाधा आती थी। इस कार्य से किसानों को कुछ हद तक राहत मिली है, लेकिन स्थायी समाधान अब भी अधूरा है। Moonak News
ग्रामीण बोले, योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित
ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित विभाग समय पर नदी के किनारों को मजबूत नहीं करवाते और सफाई की व्यवस्था भी नहीं होती। अधिकतर योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रहती हैं। बांधों पर मशीनरी के प्रयोग की बजाय मनरेगा मजदूरों से मिट्टी के थैले भरवाए जाते हैं, जो आपदा के समय अपर्याप्त साबित होते हैं। जब पानी का स्तर बढ़ जाता है, तो प्रशासनिक अधिकारी औपचारिक दौरे करते हैं और खानापूर्ति के लिए जेसीबी मशीनें खड़ी कर दी जाती हैं।
टांगरी का जलस्तर बढ़ने से पटियाला में अलर्ट
इधर, अंबाला और काला अंब क्षेत्र में भारी बारिश के कारण टांगरी नदी का जलस्तर बढ़ने से पटियाला जिले में भी अलर्ट जारी किया गया है। जिला प्रशासन ने संभावना जताई है कि देवीगढ़ क्षेत्र में नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। इसके प्रभावित गांवों में महिमूदपुर रुड़की, देवीनगर, हरिगढ़, रोहड़ जगीर, लेहलां जगीर, दु?धनगुजरां, अदालतिवाला, मघ्घर साहिब, मोहलगढ़, खांसा, रत्ताखेड़ा, औजां, खतौली, गणेशपुर, खराबगढ़, बीबीपुर, जोधपुर, बुधमोर और सादिकपुर बीड़ां शामिल हैं।
स्थानीय लोगों से अपील की गई है कि सतर्क रहें, नदी किनारे न जाएं और प्रशासनिक निदेर्शों का पालन करें। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कैंप बनाए हैं और सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। किसी भी आपात सूचना के लिए पटियाला जिला कंट्रोल रूम नंबर 0175-2350550, 2358550 पर संपर्क किया जा सकता है।
सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, बनी गंभीर स्थिति
चंडीगढ़। पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण चंडीगढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़ स्थित सुखना लेक का जलस्तर खतरनाक स्तर 1163 फुट से ऊपर पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन को मजबूरन सुखना लेक के दो फ्लड गेट खोलने पड़े। इसके कारण आसपास के निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका बढ़ गयी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हिमाचल प्रदेश और पंजाब में बारिश का सिलसिला इसी तरह जारी रहा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। Moonak News
घग्गर नदी सामान्य स्तर से काफी ऊपर बह रही है और तेज धारा के कारण आसपास के गांवों और कस्बों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने का खतरा मंडरा रहा है। इसी बीच, सुखना लेक का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। बारिश का पानी बड़ी मात्रा में लेक में जमा हो रहा है और घग्गर नदी का पानी भी सुखना लेक में आ रहा है, जिसकी वजह से सुखना लेक का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे प्रशासन अलर्ट मोड पर है। लोगों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और अनावश्यक रूप से निचले इलाकों की ओर न जायें। हालात पर कड़ी नजर रखने के लिए प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात किया गया है।
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