कोहरे की चादर में लिपटा इलाका, सर्द हवाओं ने छुड़ाई कंपकंपी

कड़ाके की सर्दी का ऑरेंज अलर्ट, नहीं खत्म होगी धुंध, शीतलहर भी करेगी परेशान

हनुमानगढ़। मौसम विभाग के पूवार्नुमान अनुसार नए साल के पहले सप्ताह में हनुमानगढ़ में तेज सर्दी का असर शुरू हो गया है। मंगलवार सुबह जब लोगों की आंखें खुली तो शहर कोहरे की चादर में लिपटा नजर आया। कोहरा इतना घना था कि सुबह तो विजिबिलिटी 100 मीटर तक ही थी। कोहरे और गलन की वजह से ठिठुरन बनी रही। लोग गलन से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते नजर आए। कोहरे की वजह से सुबह-सुबह ही गाडिय़ों की हेड लाइट जलानी पड़ी। वाहन धीरे-धीरे चलते नजर आए। कोहरे की वजह से लोग घरों में कैद रहे। सर्दी से बचाव के जतन करते रहे।

कड़ाके की सर्दी का ऑरेंज अलट

दोपहर तक सूरज के दर्शन लोगों को नहीं हुए। सुबह पेड़-पौधों की पत्तियों पर ओस की बूंदें जमी नजर आई। सर्द हवा से बचने के लिए लोग सुबह देर तक घरों में ही रहे। सर्द हवा में नमी होने से वह नश्तर सी चुभी। तेज सर्दी का असर शुरू होने के साथ ही सर्दी जुकाम-खांसी के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। हनुमानगढ़ के राजकीय जिला अस्पताल के ओपीडी में खांसी और जुकाम के मरीजों की तादाद बढ़ी है।

मौसम में गलन बढ़ने के साथ ही खांसी और जुकाम के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। हालांकि खांसी और जुकाम को देखते हुए इनकी कोरोना टेस्ट भी करवाई जा रही है लेकिन अभी तक कोई केस पॉजिटिव नहीं आया। मौसम केन्द्र जयपुर ने 5 जनवरी तक हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर सहित कई जिलों में तेज कड़ाके की सर्दी की चेतावनी जारी करते हुए शीतलहर और अति शीतलहर चलने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

शीतलहर भी करेगी परेशान

यहां 4 जनवरी तक घना कोहरा पड़ने, जबकि 6 जनवरी तक तेज कोल्ड-वेव (शीत लहर) चलने और फसलों में पाला पड़ने की आशंका जताई है। इन जिलों में सुबह-शाम तेज सर्दी के कारण पाला पड़ने की आशंका है। इन सभी जिलों में मौसम विभाग ने रबी की फसलों में पाला पड़ने की आशंका जताई है। इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने किसानों को सुबह-शाम फसलों में सिंचाई की सलाह दी है, ताकि सरसों और गेहूं की फसलों को पाला पड़ने से बचाया जा सके।

एक्सपर्ट ने छोटे बच्चों और बुजुर्गों को सुबह-शाम इन शहरों में आने वाले दिनों में सर्दी से बचने के विशेष इंतजाम करने की भी सलाह दी है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि चने की फसल के लिए यह तापमान काफी लाभदायक रहेगा, लेकिन सरसों की फसल को नुकसान हो सकता है। किसानों को सरसों की फसल का ध्यान रखना होगा।

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