जब आप गुरुमंत्र का जाप शुरू करते हैं तो आपके साथ ये होने लगता है…

Baba Ram Rahim

सरसा। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं परमात्मा पल-पल की की खबर रखता है। वो हर जगह मौजूद रहता है। सच्चे सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने फरमाया कि वो अल्लाह, वाहेगुरू कण-कण में मौजूद है, कोई जगह उससे खाली नहीं है। हर पल, हर समय, हर किसी को वो रहमों-कर्म बख्शता है। वो दया का सागर जीव के भयानक कर्म काट देता है बस उसके प्रति श्रद्धा, भावना होनी चाहिए। पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि जिनके अंदर श्रद्धा, भावना होती है, उनको ही भगवान मिला करते हैं। दिखावे, पहनावे, पैसे से वो खुश नहीं होता। उसको पाने के लिए पाक-पवित्र भावना अपने अंदर पैदा करो और वह भावना ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, खुदा, रब्ब के नाम के लगातार जाप करने से ही इन्सान के दिलो-दिमाग में पैदा होती है।

वो भावना गुरूमंत्र से पैदा होती है। पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने वचन किये कि आप नाम लो, आपसे पैसे नहीं लेंगे। नाम लेकर सुमिरन करो तो यकीनन आपके घर में, आपके अंत:करण में मालिक का परमानंद आएगा तो आपको अपने आप पता चल जाएगा कि सच्चा नाम क्या होता है। जिनके अंदर भावना, श्रद्धा होती है उसे नाम लेते ही पता चलना शुरू हो जाता है, नाम लेते ही एक अलग अहसास होने लगता है। पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि वो पल जब अपने सतगुरू मौला के दर्श-दीदार होते हैं, वो पल इन्सान जिंदगी भर नहीं भूलता। इससे पता चल जाता है कि सच्चा नाम, सच्चा गुरू क्या होता है। आदमी के अंदर श्रद्धा होनी चाहिए। अगर श्रद्धा नहीं है तो सागर के पास रहकर भी लोग प्यासे रह जाते हैं। आप जी ने फरमाया कि अगर भावना शुद्ध करना चाहते हो तो उसके लिए लगातार सेवा-सुमिरन किया करो। ताकि आप मालिक की दया-मेहर से माला-माल जो जाएं।