सच्ची इंसानियत : दो बीमार लोगों के ईलाज में मददगार बनी ओढां की साध-संगत

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परिजन बोले, धन्य है पूज्य गुरु जी, जो अपने अनुयायियों को ऐसी शिक्षा देते हैं

सच कहूँ/राजू
ओढां। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के इन्हीं पावन वचनों पर चलते हुए साध-संगत मानवता की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहती है। इसका एक उदाहरण गांव ओढां में देखने को मिला, जहां साध-संगत 2 बीमार लोगों की मददगार बनी। जानकारी मुताबिक ओढां निवासी सुभाष शर्मा के बेटे केशव के ऊपर से ट्रक गुजरने के चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिजनों ने जैसे-तैसे कर केशव का ईलाज करवाते हुए उसका आॅपरेशन करवा लिया। केशव का अब दूसरा आॅपरेशन होना है। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते उक्त परिवार को परेशानी आ रही थी। परिवार के सदस्यों ने ओढां की साध-संगत से मदद की गुहार लगाई। जिसके बाद साध-संगत ने विचार विमर्श कर पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मदद के लिए हाथ बढ़ा दिया। केशव के आॅपरेशन पर करीब सवा लाख रुपये का खर्च आना था। साध-संगत ने उक्त परिवार को करीब 78 हजार रुपये की नकदी राशि व एक माह का राशन देकर उनकी मदद की। केशव का बठिंडा में 2-3 बाद आॅपरेशन होगा। उक्त परिवार ने नामचर्चा में आकर पूज्य गुरु जी व साध-संगत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने पहले बड़ी मुश्किल से केशव का आॅपरेशन करवाया था। लेकिन अब दूसरा आॅपरेशन करवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। लेकिन डेरा अनुयायी उनके लिए फरिश्ते बनकर आए।

मरीज की दवा का खर्च उठाया

ओढां निवासी नायब सिंह के पेट में काफी समय से दिक्कत थी। मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले नायब सिंंह को आॅपरेशन की राय दी गई थी। नायब सिंह के परिवार ने नामचर्चा में आकर साध-संगत से मदद मांगी थी। जिस पर साध-संगत ने मदद के लिए हाथ बढ़ा दिए। चिकित्सकों ने बाद में उम्र के लिहाज से नायब सिंह को आॅपरेशन के लिए मना करते हुए उसे दवा लेने का परामर्श दिया। साध-संगत ने कहा कि जब तक उसकी दवाई चलेगी तब तक साध-संगत उसका हर माह का दवाई का खर्च वहन करेगी। इस मदद पर नायब सिंह ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां व ओढां की साध-संगत का आभार व्यक्त किया है।

‘‘पूज्य गुरु जी द्वारा चलाए जा रहे 139 मानवता भलाई कार्यांे में साध-संगत बढ़-चढ़कर भाग ले रही है। इसी कड़ी में ओढां की साध-संगत ने 2 जरूरतमंद लोगों की ईलाज में मदद की है। ओढां की साध-संगत जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हर समय तत्पर है।
– जीवनपाल इन्सां, भंगीदास (ओढां)।

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