चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही जारी है। वहीं महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने शून्यकाल के दौरान पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने अपने हल्के में जलभराव से खराब हुई फसलों के मुआवजे का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को मुआवजा दे। उधर शीतकालीन सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला टूटी सड़कों को लेकर घिर गए। इसराना से विधायक ने कहा कि टूटी सड़कें नहीं बनाई जा रही।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कुछ सड़कें डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में हैं। बाकी के टेंडर लग रहे हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जो सड़कें डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड में हैं, उन्हें तो तुरंत ठीक कर सकते हैं। उसके लिए टेंडर की भी जरूरत नहीं। इस पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इनकी लिस्ट दे दें तो तुरंत काम करा दिया जाएगा। वहीं शून्यकाल के दौरान नए सरपंचों को काम कराने के वित्तीय अधिकार घटाने को लेकर भी मुद्दा गूंजा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी होगा ओपीएस का मुद्दा: हुड्डा
हरियाणा विधानसभा में विपक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि पार्टी सरकारी कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना(ओपीएस) बहाल करने के लिये प्रतिबद्ध है तथा राज्य विधानसभा के अगले चुनावों में कांग्रेस का यह मुद्दा होगा। हुड्डा ने विधानसभा परिसर में विपक्ष के नेता के कक्ष में एक विशेष सवाल पर यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि ओपीएस की मांग जायज है तथा पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में इसे मुद्दा बनाएगी और सत्ता में आने पर इसे अवश्य लागू करेंगे। उन्होंने दावा किया कि समाज का हर वर्ग राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से परेशान है। उन्होंने दावा किया कि स्कूलों में शिक्षक और अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं। राज्य में सड़कों में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़कें हैं। महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। किसान और व्यापारी बद्हाल हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ रहा जन सैलाब इस बात का द्योतक है कि राज्य की मौजूदा सरकार के दिन लद गये हैं। जनता अब कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बना चुकी है।
गांव में विकास कार्य का उठा मुद्दा
गांव में विकास कार्य करवाने के लिए सरपंच की पावर को 20 लाख रुपए से घटाकर 2 लाख रुपए करने का मुद्दा सदन में जमकर गूंजा। जजपा विधायक जोगीराम सिहाग और कालांवाली से कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने कहा कि यह फैसला बिल्कुल गलत है। जोगीराम सिहाग ने कहा कि सरपंचों का पावर को बढ़ाना चाहिए। इसी के साथ 2 लाख रुपए से ज्यादा के विकास कार्यों के लिए ई- टेंडरिंग के जरिए ठेकेदार को टेंडर देने को भी उन्होंने गलत बताया। शीशपाल केहरवाला ने भी सरपंचों की पावर को बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने की मांग की।
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