Space News: 28 अप्रैल 2008 का दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए गौरव और उपलब्धि का प्रतीक बन गया। इस दिन श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित हुआ पीएसएलवी-सी9 रॉकेट, जिसने एक साथ 10 उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर विश्व स्तर पर भारत की तकनीकी दक्षता का परचम लहरा दिया। Space News
यह उपलब्धि इसलिए भी अद्भुत थी क्योंकि इससे पहले इतने अधिक उपग्रहों को एक ही मिशन में छोड़ने का कारनामा केवल कुछ विकसित देशों ने ही किया था। पीएसएलवी-सी9 ने भारत का 690 किलोग्राम वजनी काटोर्सैट-2ए उपग्रह भी अंतरिक्ष में पहुँचाया, जो उच्च गुणवत्ता की पृथ्वी की तस्वीरें भेजने में सक्षम था। साथ ही, इसमें आठ विदेशी उपग्रह भी शामिल थे, जिनमें से ज्यादातर जर्मनी और कनाडा के थे। Space News
यह मिशन न केवल इसरो की तकनीकी क्षमता का प्रमाण बना, बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में स्थापित करने का मार्ग भी प्रशस्त किया। Space News
पीएसएलवी-सी9 की सफलता ने यह साबित कर दिया कि अब भारत अंतरिक्ष विज्ञान की दौड़ में किसी से पीछे नहीं है — बल्कि नए कीर्तिमान गढ़ने के लिए तैयार है!
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