डॉ. संदीप सिंहमार। Asim Munir: इसरायल व ईरान के बीच शुरुआती तनाव के दौरान ईरान के टॉप कमांडर मोहम्मद हुसैन बकरी को इसरायल ने मार गिराया था। इसरायल के टॉप कमांडर की मिसाइल अटैक में हत्या पर अब दुनिया भर में रिपोर्ट सामने आ रही है। यह पाकिस्तान के सेवा प्रमुख असीम मुनीर पर लग रहे हैं दरअसल असीम मुनीर ने ईरानी कमांडर मोहम्मद हुसैन बकरी को एक स्मार्ट वॉच गिफ्ट की थी जिसमें जीपीएस ट्रैकर लगा हुआ था। इसी जीपीएस ट्रैकर की वजह से इसरायल ने बकरी की लोकेशन ट्रैक करते हुए उसे पर अपना सटीक निशाना साधा था।
अब रिपोर्ट्स में भी यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान सेवा प्रमुख मुनीर ने बकरी की हत्या करवाने के लिए ही यह जीपीएस ट्रैकर से युक्त स्मार्टवॉच गिफ्ट की थी। हाल ही में सामने आई रिपोर्टों में पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ईरान के शीर्ष कमांडर मोहम्मद हुसैन बकरी की लोकेशन लीक की है। यह एक गंभीर विषय है, जो न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर भी इसके गहरे प्रभाव हो सकते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, आसिम मुनीर ने ईरानी कमांडर को एक स्मार्टवॉच गिफ्ट की थी, जिसमें एक जीपीएस ट्रैकर लगा हुआ था। Asim Munir
इस स्मार्टवॉच के माध्यम से न केवल बकरी की लोकेशन को ट्रैक किया गया, बल्कि इसका उपयोग इजरायल द्वारा एक लक्षित हमले के लिए किया गया। यह घटना इस जनरल की रणनीतिक सोच और कूटनीतिक चालबाज़ी पर सवाल उठाती है। ईरान, जो कि मध्य पूर्व में एक प्रमुख शक्ति है। पाकिस्तान व ईरान के बीच संबंधों का इतिहास जटिल और परिवर्तनशील रहा है। आसिम मुनीर का यह कदम संभावित रूप से एक बड़ा राजनीतिक-आर्थिक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है। यदि ईरान यह समझता है कि उसके भीतर इस तरह की कूटनीतिक चालें चल रही हैं, तो इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है। ईरान की सैन्य गतिविधियाँ हमेशा से इजरायल के लिए चिंता का विषय रही है। आसिम मुनीर की इस कृत्य ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह सिर्फ एक अंतर-सामरिक हमला है, या फिर यह एक व्यापक कूटनीतिक खेल का हिस्सा है।
इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या इस प्रकार की गतिविधियाँ भविष्य में और अधिक युद्धरतता का संकेत दे रही हैं। आसिम मुनीर द्वारा ईरानी कमांडर की लोकेशन लीक करने का आरोप निश्चित रूप से कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह न केवल ईरान-पाकिस्तान के रिश्तों को प्रभावित करेगा, बल्कि मध्य पूर्व में सुरक्षा और स्थिरता के लिए भी एक चुनौती प्रस्तुत करेगा। वैश्विक शक्तियों को इस घटनाक्रम पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी, ताकि क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। Asim Munir
इजरायल और ईरान के बीच संवेदनशील संबंध: पाकिस्तान की भूमिका
इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तनाव ने मध्य पूर्व की राजनीति में कई जटिलताएँ पैदा की हैं। इस संघर्ष में पाकिस्तान की भूमिका पर विचार करते हुए, यह स्पष्ट होता है कि वह एक दोहरा खेल खेल रहा है। एक ओर, पाकिस्तान ईरान का समर्थन करने वाले बयानों के जरिए अपनी नीतियों को प्रदर्शित कर रहा है, वहीं दूसरी ओर, कुछ रिपोर्टों के अनुसार, उसने ईरान के शीर्ष कमांडर मोहम्मद हुसैन बकरी की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
हाल में मिली जानकारी के अनुसार, 13 जून को ईरान के प्रमुख कमांडर मोहम्मद हुसैन बकरी की हत्या के पीछे पाकिस्तान के सेना प्रमुख मुनीर का नाम बार-बार सामने आ रहा है। ईरानी सूत्रों का दावा है कि मुनीर ने बकरी की लोकेशन अमेरिका और इजरायल के साथ साझा की थी, जिससे उनका ठिकाना सुरक्षा बलों को ज्ञात हुआ और उस पर सटीक हमला संभव हो सका। यह एक गंभीर आरोप है, जो पाकिस्तान के ईरान के प्रति उसके दोहरे रिश्ते को दर्शाता है।
ईरानी मीडिया का दावा है कि जीपीएस ट्रैकर ने इजरायली सेना को बकरी की वास्तविक लोकेशन प्रदान की, जिसके परिणामस्वरूप वह घातक हमला कर पाने में सफल रहे। यह घटनाक्रम इस बात का प्रमाण है कि पाकिस्तान अपनी भौगोलिक स्थिति और रणनीतिक महत्व को समझते हुए एक संतुलित नीति अपनाने का प्रयास कर रहा है।
आसिम मुनीर की मोहम्मद हुसैन बकरी से मुलाकात के बाद उनकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सीक्रेट मुलाकात ने ईरान की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। यह बात स्पष्ट करती है कि पाकिस्तान पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका, के साथ भी अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है। वह एक ओर ईरान के साथ अपने वजूद को बना रखना चाहता है, जबकि दूसरी ओर पश्चिमी शक्तियों के साथ सहयोगी बने रहने की कोशिश कर रहा है।
पाकिस्तान की यह रणनीति उसे एक अस्थिर स्थिति में रखती है, क्योंकि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध में उसकी भूमिका न केवल विवादास्पद है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में उसकी विश्वसनीयता को भी प्रभावित करती है। पाकिस्तान की इस विशेष स्थिति और ईरान के प्रति उसके संदिग्ध दृष्टिकोण ने दोनों देशों के बीच की जटिलता को और बढ़ा दिया है। Asim Munir
यह स्पष्ट होता है कि इजरायल और ईरान के संघर्ष में पाकिस्तान का कार्रवाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन उसकी नीतियों में अंतर्विरोध इसे एक अस्थिर और जोखिम भरा स्थिति में डाल रहे हैं। इस परिस्थिति में, अंततः यह देखना आवश्यक होगा कि ये घटनाएँ मध्य पूर्व की राजनीतिक संरचना को किस प्रकार प्रभावित करेंगी और भविष्य में पाकिस्तान की भूमिका किस दिशा में अग्रसर होगी।
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