Suicide Bomb attack in Pakistan: इस्लामाबाद। पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वा में स्थित उत्तरी वज़ीरिस्तान जिले में हुए एक आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 13 सैनिकों की मृत्यु हो गई है। स्थानीय प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस घटना में 29 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें आम नागरिक भी शामिल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सेना के काफिले में टकरा दिया, जिससे जबरदस्त विस्फोट हुआ। इस घटना में 13 सैनिक शहीद हो गए, जबकि 10 सैनिक और 19 नागरिक घायल हुए। Pakistan News
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट इतना तीव्र था कि आसपास के दो घरों की छतें ढह गईं, जिससे छह बच्चे घायल हो गए। अधिकारियों के अनुसार, घायलों में से चार सैनिकों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस हमले की जिम्मेदारी हाफिज गुल बहादुर गुट ने ली है, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का एक सक्रिय अंग माना जाता है।
एक अन्य घटना में दागा गया मोर्टार शेल एक घर पर गिरा
एक अन्य घटना में, खैबर पख्तूनख्वा के कुर्रम जिले के कच्ची कमर गांव में एक अज्ञात दिशा से दागा गया मोर्टार शेल एक घर पर गिरा, जिससे घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। इस विस्फोट में कम से कम 14 लोग घायल हुए हैं, जिनमें 5 से 11 वर्ष के पांच बच्चे शामिल हैं। गांववासियों ने तत्परता दिखाते हुए सभी घायलों को मलबे से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। स्थानीय प्रशासन ने घटना की जांच आरंभ कर दी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में हिंसक घटनाओं में तेज़ी से वृद्धि हुई है। इस्लामाबाद सरकार ने अफ़गानिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह अपनी धरती का उपयोग पाकिस्तान के विरुद्ध हमलों के लिए होने दे रहा है, हालांकि तालिबान प्रशासन इन आरोपों को खारिज करता रहा है। एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की शुरुआत से अब तक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान क्षेत्रों में हुए आतंकवादी हमलों में करीब 290 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश सुरक्षा बलों के सदस्य हैं।
अमेरिका की चेतावनी | Pakistan News
खामा प्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी कांग्रेस सदस्य बिल हुइजेंगा ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान एक बार फिर आतंकी समूहों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है, जिससे दक्षिण और मध्य एशिया के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।
“दक्षिण और मध्य एशिया में आतंकवाद की स्थिति और सहयोग के अवसर” विषय पर आयोजित एक संसदीय सुनवाई में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि 2021 में अमेरिकी सैन्य वापसी ने क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है और आईएसआईएस-खोरासान एवं टीटीपी जैसे आतंकी समूहों को पुनर्गठन का अवसर मिल गया है। उन्होंने हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले और पाकिस्तान में बढ़ती हिंसा को इसी अस्थिरता का संकेत बताया। Pakistan News
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