
UNSC Pakistan presidency: संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता पाकिस्तान द्वारा संभाले जाने के ठीक बाद, भारत ने सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा वैश्विक मंच पर गंभीरता से उठाया है। मंगलवार को भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले का हवाला देते हुए पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल खड़े किए। यह हमला कथित रूप से पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों द्वारा अंजाम दिया गया था। भारत ने इसके जवाब में “ऑपरेशन सिंदूर” नामक कार्रवाई की शुरुआत की है। India Pakistan News
संयुक्त राष्ट्र भवन के प्रवेश द्वार पर भारत की ओर से “आतंकवाद की मानवीय कीमत” (The Human Cost of Terrorism) नामक एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में भारत के साथ-साथ 9/11 जैसे वैश्विक आतंकी हमलों में आतंकवाद के पीछे पाकिस्तान की कथित भूमिका को रेखांकित किया गया। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इस प्रदर्शनी को आतंक के संरक्षकों को बेनकाब करने और विश्व समुदाय को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट करने की दिशा में एक पहल बताया।
पाकिस्तान अपने ‘पुराने सहयोगी’ चीन के साथ मिलकर काम करता रहा है
पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में अपने ‘पुराने सहयोगी’ चीन के साथ मिलकर काम करता रहा है। अध्यक्ष पद संभालने के बाद पाकिस्तान को परिषद के नियमों, कूटनीतिक शिष्टाचारों और प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, जिनमें सदस्य राष्ट्रों को बोलने का अवसर देना और प्रस्तावों को प्रस्तुत करना शामिल है। परिषद का मासिक एजेंडा सर्वसम्मति से निर्धारित होता है। 2023 में ऐसा उदाहरण सामने आया था जब रूस ने अमेरिकी और अल्बानियाई अध्यक्षता के दौरान एजेंडा पर सहमति नहीं दी थी, जिसके चलते कार्यवाहियों को अस्थायी रूप से चलाना पड़ा था। India Pakistan News
पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद अधिकतर बैठकों की अध्यक्षता करेंगे, वहीं उप-प्रधानमंत्री मोहम्मद इशाक डार जैसे वरिष्ठ नेता भी भाग ले सकते हैं। पाकिस्तान परिषद के मंच से उच्च-स्तरीय चर्चा एवं खुली बहस आयोजित करने की योजना भी बना रहा है।
पाकिस्तान की विदेश नीति में विरोधाभास | India Pakistan News
इस बीच, पाकिस्तान की विदेश नीति में विरोधाभास भी दिख रहे हैं। वह एक ओर तो अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर ईरान और इज़राइल-हमास संघर्ष जैसे मुद्दों पर वह रूस और चीन के पक्ष में खड़ा नजर आता है। पिछले महीने ईरान पर अमेरिकी और इज़राइली हमलों के विरोध में पाकिस्तान ने आपातकालीन सत्र की मांग की थी।
पाकिस्तान, चीन और रूस ने मिलकर अमेरिका एवं इज़राइल की बमबारी की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव का मसौदा भी तैयार किया था। हालाँकि, संघर्षविराम के चलते यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया और संभावित अमेरिकी वीटो के कारण इसे पारित कराना भी मुश्किल था। इज़राइल-हमास विवाद में पाकिस्तान खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन करता रहा है और इस संघर्ष को कश्मीर से जोड़ने की भी कोशिश करता रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे इस प्रयास में कोई विशेष समर्थन नहीं मिला है। पाकिस्तान को 2024 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का गैर-स्थायी सदस्य चुना गया था और जनवरी 2025 से उसने अपनी सदस्यता ग्रहण की है। India Pakistan News
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