सेना की 10 सिख रेजिमेंट में तैनात थे
- अत्यधिक ठंड के कारण सिर में ख़ून जमने से हुई शहादत
- तीन महीने पहले पिता का हुआ था निधन
कैथल (सच कहूँ न्यूज़)। Kaithal News: जिले के गांव कवारतन निवासी शहीद जवान संजय सिंह सैनी का उनके पेतरीक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शमशान घाट में उनकी पत्नी और बेटे ने शहीद जवान को पंचतत्व में विलीन होने से पहले सैल्यूट करके अंतिम विदाई दी। इसके बाद जवान को उनके बेटे ने मुखाग्नि दी | गांव के सरपंच के पास सेना के उच्च अधिकारियों का फोन आया था। उन्होंने ही संजय की शहादत की बात बताई। शहीद जवान सेना की 10 सिख रेजिमेंट में तैनात थे। Kaithal News
इससे पहले कैथल में भी शहीद जवान के सम्मान में यात्रा निकाली गयी। यहाँ से सैकड़ो बाइक और गाडियों के काफिले के साथ जवान का पार्थिव शरीर दोपहर 3 बजे के बाद गांव में पहुंचा। यहां घर पर पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। उनकी अंतिम यात्रा में पत्नी का रो रो कर बुरा हाल था। इसके बाद अंतिम यात्रा शुरू हुई। शमशान घाट में सेना की टुकड़ी ने अंतिम संस्कार से पहले उनको सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ फिर शहीद जवान का अंतिम संस्कार किया गया।
तीन महीने में पिता पुत्र दोनों चले गये | Kaithal News
परिवार ने बताया कि संजय 2004 में सेना में भर्ती हुए थे। 2005 में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई। उनकी ड्यूटी को 20 साल हो चुके थे।संजय में देश सेवा का जज्बा इस कदर भरा था कि परिजनों के कहने पर भी रिटायर्मेंट नहीं ली और कहा कि अभी उसने और कुछ साल देश की सेवा करनी है। परिजनों ने बताया कि उनकी संजय से कई दिन पहले बातचीत हुई थी। तब उन्होंने कहा था कि यहां सब कुछ ठीक है।3 महीने पहले संजय के पिता का निधन हुआ था। तब वह छुट्टी लेकर गांव आए थे। शहीद जवान के घर में पत्नी के अलावा 14 और 11 साल के 2 बेटे, बुजुर्ग मां और बड़ा भाई है।
ठंड के कारण सिर में ख़ून जम गया
2 दिन पहले लेह-लद्दाख में ज्यादा ठंड के कारण अचानक तूफान आ गया था। इस तूफान में संजय के सिर में खून जम गया, जिसके कारण उनके शरीर में रक्त का संचार रुक गया। इस वजह से वे वहीं शहीद हो गए। मंगलवार को उनका सेना के अस्पताल में पोस्टमॉर्टम कराया गया। बुधवार दोपहर को हेलिकॉप्टर से पार्थिव शरीर चंडीगढ़ पहुंचा। इसके बाद घर लाया गया। Kaithal News
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