
पंजाब रोडवेज को लगा अधिक घाटा, पंजाब के 27 डिपूओं में रही हड़ताल, लोग हुए परेशान
- संगठन के नेताओं ने 8500 कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने का किया दावा
पटियाला (सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर)। Punjab Roadways Bus Strike: पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन द्वारा की गई हड़ताल के कारण पीआरटीसी को बुधवार को सवा सौ करोड़ से अधिक से का नुक्सान सहना पड़ा है। पंजाब भर के 27 डिपूओं पर कच्चे कर्मियों ने हड़ताल कर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इसके अलावा पंजाब रोडवेज को इससे कहीं अधिक नुक्सान उठाना पड़ा है, क्योंकि पनबस कच्चे कर्मचारियों के सिर पर ही चलती है। हड़ताल के कारण आमजन को बस स्टैंडों पर भारी परेशानियां झेलनी पड़ीं।
एकत्रित जानकारी के अनुसार पीआरटीसी में मौजूदा समय में 1200 के करीब बसें हैं व यहां रोजाना की आमदन 2 करोड़ 40 ाख के करीब है। हड़ताली नेताओं का दावा है कि पंजाब भर में आज 27 डिपूओं के 8500 कच्चे कर्मचारी हड़ताल पर रहे व सिर्फ कुछ फीसदी ही पक्के कर्मियों द्वारा बसें चलाई गई। उन्होंने दावा किया कि पीआरटीसी व पंजाब रोडवेज में 3000 हजार के करीब बसों के पहिये रुके रहे व पंजाब में सैकड़ों रूट प्रभावित हुए। इसके साथ ही पीआरटीसी व पंजाब रोडवेज में वर्कशॉप व अन्य जगहों पर काम करते कच्चे कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल हुए। पटियाला के नए बस स्टैंड पर आज बड़ी संख्या में बसें नहीं चली व सफर करने वाले यात्रियों से बस स्टैंड भरा नजर आया। पीआरटीसी में 10 फीसदी के करीब ही बसें पक्के कर्मियों ने चलाई। वहीं बसों के न चलने से पीआरटीसी को आज डीजल की भी बचत हुई। पीआरटीसी की बसों में 80 लाख रूपये से अधिक का रोजाना डीजल डाला जाता है।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में रोजाना सवा करोड़ तक महिलाओं द्वारा मुफ्त सफर किया जा रहा है, जिस कारण सरकार की तरफ 600 करोड़ रुपये का बकाया खड़ा है। समय पर मुफ्त बस सफर की राशि न मिलने से पीआरटीसी की हालत चिंताजनक मोड़ पर चल रही है।
अपने कर्मचारियों के लिए लगातार प्रयासरत: हडाना
इधर पीआरटीसी के चेयरमैन रणजोध सिंह हडाना ने कहा कि आज उनके दफ्तर में एक संगठन की मीटिंग हुई थी, जिनकी कुछ मांगें थी, जिनको मान लिया गया है। इसके अलावा एक संगठन की मीटिंग चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट मंत्री से हुई है। उन्होंने कहा कि पीआरटीसी अपने कर्मचारियों के लिए लगातार प्रयासरत है। जब उनको पीआरटीसी के हुए नुक्सान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
मांगों को लेकर पंजाब रोडवेज के कच्चे कर्मियों ने शुरू की तीन दिवसीय हड़ताल
- बसों का चक्का जाम कर सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
जगराओं। पंजाब रोडवेज पनबस, पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन के कच्चे कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार से पंजाब भर में बसों का चका जाम कर तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की है। इसी के तहत पंजाब रोडवेज के कर्मियों ने जगराओं डीपू में भी बसों का चक्का जाम कर रोष प्रदर्शन करते सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान राज्य सहायक सचिव जलौर सिंह, डीपू प्रधान सोहन सिंह, सचिव हरमिन्दर सिंह, कैशियर मोहम्मद रफीक, प्रैस सचिव बूटा सिंह ने बताया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता में आते ही वायदा किया था कि ठेकेदारी सिस्टम को
खत्म करेंगे, लेकिन आज सरकार बने हुए 3 साल से भी अधिक का समय हो गया है परंतु एक भी कर्मचारी को पक्का नहीं किया गया, ठेकेदारी सिस्टम ज्यों का त्यों चल रहा है और भ्रष्टाचार से विभागोंं में भर्ती की जा रही है। पहले ट्रांसपोर्ट मंत्री व फिर सीएम ने पिछले साल की 1 जुलाई को मीटिंग कर यूनियन की मांगों का 1 माह में कमेटी बनाकर हल करने का भरोसा दिया था, लेकिन 1 साल हो गया कमेटी बने हुए भी, कमेटी ने भी अब तक एक भी मांग का हल नहीं निकाला। 10-12 साल से ठेकेदारी सिस्टम के तहत काम करते कर्मियों को पक्का नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि पहला ठेकेदार दातार सिक्योरिटी ग्रुप 12-13 करोड़ रुपये सिक्योरिटी व ईपीएफ की सीधी लूट कर फरार हो गया, फिर दूसरा ठेकेदार भी इसी तरह की लूट कर चलता बना और अब बिना एग्रीमैंट के तीसरा ठेकेदार नियुक्त किया गया है, जो बिना एग्रीमैंट के लाखों की रिश्वत लेकर भर्ती कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मांगों का हल न किया तो यह तीन दिवसीय हड़ताल अनिश्चित समय में बदल सकती है, जिसकी जिम्मेवारी सरकार व मैनेजमैंट की होगी।
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