गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी कांवड़ यात्रा के दौरान गाजियाबाद पुलिस के साथ सिविल डिफेन्स ने अपना मोर्चा संभाल लिया है। और जनपद में वर्षों से कांवड़ यात्रा और आपदा नियंत्रण में निरंतर सिविल डिफेन्स गाजियाबाद के चीफ वार्डन ललित जायसवाल के नेतृत्व में सिविल डिफेंस मुख्य भूमिका निभाता आ रहा है। इस बार भी कांवड़ मार्ग पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिविल डिफेन्स के करीब 750 से अधिक सदस्य अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं। जोकि 22 जुलाई तक कांवड़ मार्ग ,मुख्य कंट्रोल रूम ,जाम के मुख्य पॉइंटों पर और 23 जुलाई को जलाभिषेक के दौरान गाजियाबाद के प्राचीन और ऐतहासिक , श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर में ड्यूटी देंगे। सिविल डिफेन्स के प्रमुख ललित जायसवाल और अनिल अग्रवाल के नेतृत्व में यह अभियान सफलता से संचालित किया जा रहा है। उन्होंने सभी को हिदायत दे है कि किसी भी कांवड़िए को किस भी प्रकार की कोई परेशान न हो, सिविल डिफेंस के सदस्य यह मुख्य रूप से ख्याल रखें । गाजियाबाद सिविल डिफेन्स के चीफ वार्डन ललित जायसवाल और सहायक उपनियंत्रक गाजियाबाद, गुलाम नबी आजाद ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान सिविल डिफेन्स का पुलिस प्रशासन के साथ विशेष योगदान रहा है। विशेष रूप से, मोहन नगर, मेरठ रोड तिराहा, और राजनगर एक्सटेंशन जैसे महत्वपूर्ण चौराहों पर सिविल डिफेन्स की शिफ्ट ड्यूटी व्यवस्था की गई है।
सिविल डिफेन्स की मुख्य शिफ्ट ड्यूटी व्यवस्था अहम
मोहन नगर के कंट्रोल रूम में सुबह 6 बजे से ढाई बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से रात 10:30 बजे तक सिविल डिफेन्स के 250 कर्मचारी तैनात हैं। वहीं, मेरठ रोड चौराहे पर 300 सदस्य अलग-अलग शिफ्टों में ड्यूटी निभा रहे हैं। यह चौराहा, जिसमें ज्यादा यातायात और भीड़ होती है, विशेष ध्यान की आवश्यकता महसूस कर रहा था, इसी वजह से शिफ्ट की समयसीमा में बदलाव किया गया है। राजनगर एक्सटेंशन चौराहे पर सिविल डिफेन्स के 200 सदस्य पुलिस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहे हैं। इस चौराहे पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए गए हैं। मुख्य कैम्प व्यवस्थाएँ ,कांवड़ मार्ग पर विभिन्न कैम्पों की जिम्मेदारी सिविल डिफेन्स के डिवीजनल वार्डन को सौंपी गई है। मोहन नगर के कैम्प की जिम्मेदारी डिवीजनल वार्डन एके ठाकुर और एके जैन को दी गई है। वहीं, मेरठ रोड चौराहे के मुख्य कांवड़ कंट्रोल रूम के प्रभारी दीपक अग्रवाल (डिवीजनल वार्डन) और राजेंद्र शर्मा (डिवीजनल वार्डन) हैं। राजनगर चौराहे पर डिवीजनल वार्डन सुधीर कुमार को कैम्प प्रभारी बनाया गया है। सिविल डिफेन्स की इन व्यवस्थाओं के जरिए यह सुनिश्चित किया गया है कि कांवड़ यात्रा सुचारू रूप से सम्पन्न हो और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
गाजियाबाद में कैम्पों और व्यवस्थाओं की निगरानी
कांवड़ मार्ग पर लगे सभी कैम्पों और व्यवस्थाओं की निगरानी की जिम्मेदारी पूर्व डिप्टी चीफ वार्डन, अनिल अग्रवाल को दी गई है।अनिल अग्रवाल ने बताया कि सिविल डिफेन्स वर्षों से कांवड़ यात्रा और आपदाओं के दौरान पुलिस और जिला प्रशासन का सहयोग करता आ रहा है। उनकी संस्था के सदस्य न सिर्फ यात्रा के दौरान, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी अहम भूमिका निभाते हैं। कांवड़ यात्रा कंट्रोल रूम के जिम्मेदार दिव्यांशु सिंघल ने बताया कि सिविल डिफेन्स का योगदान इस कांवड़ यात्रा में न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज सेवा की मिसाल भी पेश करता है। दिवाकर सिंघल ने बताया कि सिविल डिफेन्स की अत्यंत ख़ास बात यह है कि सविल डिफेन्स के सभी लोग नौकरी पेशा,व्यापारी है. अपने निजी समय में से समय निकालकर यह मानवता का कार्य करते है।