
Haryana Expressway News: प्रताप नगर, सच कहूं राजेंद्र कुमार। हरियाणा के कैथल जिले और आस-पास के इलाकों के लिए आने वाला समय तेज रफ्तार विकास और बेहतर कनेक्टिविटी का गवाह बनने जा रहा है। चीका से यमुनानगर को जोड़ने वाला नया एक्सप्रेस-वे तैयार होने जा रहा है, जो पिहोवा और कुरुक्षेत्र होते हुए आगे बढ़ेगा। इसे राज्य के उत्तरी हिस्से का ‘नेकलेस’ कहा जा रहा है, क्योंकि इसके बनने से न सिर्फ यात्रा आसान होगी, बल्कि व्यापार और उद्योग के नए अवसर भी खुलेंगे।
हरिद्वार और उत्तराखंड का सफर होगा आसान | Haryana Expressway News
इस नए एक्सप्रेस-वे का सबसे बड़ा फायदा पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड को एक नए और तेज मार्ग से जोड़ना है। पंजाब से आने वाले यात्री और व्यापारी सीधे हरिद्वार व उत्तराखंड की ओर आसानी से पहुंच सकेंगे। इससे लंबी दूरी के सफर में समय और ईंधन की बचत होगी। खासकर धार्मिक यात्रियों के लिए यह मार्ग बेहद सुविधाजनक साबित होगा, क्योंकि हरिद्वार, ऋषिकेश और उत्तराखंड के अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थल नजदीक हो जाएंगे।
उत्तर हरियाणा के लिए ‘नेकलेस’
इस एक्सप्रेस-वे को ‘नेकलेस’ नाम इसलिए दिया जा रहा है, क्योंकि यह उत्तरी हरियाणा को चारों ओर से नेशनल हाईवे और तेज रफ्तार मार्गों से घेर देगा। पहले से ही कैथल जिले में तीन बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग मौजूद हैं—
1. हिसार-चंडीगढ़ वाया कैथल हाईवे
2. इस्माइलाबाद-नारनौंद हाईवे
3. जम्मू से कटरा नेशनल हाईवे (भारत माला प्रोजेक्ट के तहत)
नए एक्सप्रेस-वे के जुड़ने से यह नेटवर्क और मजबूत होगा, जिससे जिले के हर हिस्से तक पहुंच आसान हो जाएगी।
गांवों और कस्बों की दूरी घटेगी
नए मार्ग से न सिर्फ बड़े शहर जुड़ेंगे, बल्कि इसके किनारे बसे सैकड़ों गांव और कस्बे भी आपस में सीधे जुड़ जाएंगे। ग्रामीण इलाकों से शहरों तक का सफर सुगम होगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बाजार तक पहुंच आसान होगी। इससे गांवों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और लोगों को रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए लंबा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
व्यापार और उद्योग को नई उड़ान
चीका क्षेत्र हरियाणा में पहले से ही मार्बल मार्केट के लिए प्रसिद्ध है। जब यह एक्सप्रेस-वे यहां से गुजरेगा, तो बड़े पैमाने पर व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी। मालवा क्षेत्र से सीधा संपर्क होने के कारण चीका में निर्माण सामग्री, मार्बल, ग्रेनाइट और अन्य सामानों का व्यापार तेजी से बढ़ेगा। इससे स्थानीय व्यापारियों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और जिले की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
सिर्फ मार्बल ही नहीं, बल्कि कृषि उत्पाद, डेयरी उद्योग, परिवहन सेवाएं और लघु उद्योग भी इस मार्ग से फायदा उठाएंगे। तेज और सुरक्षित परिवहन से उत्पाद समय पर बाजार तक पहुंच सकेंगे, जिससे किसानों और व्यापारियों को अच्छा मुनाफा मिलेगा।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने में यह एक्सप्रेस-वे अहम भूमिका निभाएगा। कुरुक्षेत्र जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे तीर्थ स्थान और यमुनानगर के प्राकृतिक सौंदर्य वाले क्षेत्र अब आसानी से पहुंच में होंगे। पर्यटकों को लंबा और जाम भरा रास्ता पार करने की परेशानी से निजात मिलेगी, जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर
नए एक्सप्रेस-वे के बनने से न सिर्फ यात्रा सुगम होगी, बल्कि निर्माण के दौरान और उसके बाद हजारों रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। निर्माण कार्य में इंजीनियर, मजदूर, मशीन ऑपरेटर, ट्रक ड्राइवर और विभिन्न तकनीकी कर्मियों की जरूरत होगी। इसके अलावा, मार्ग के किनारे पेट्रोल पंप, ढाबे, होटल, रिपेयर वर्कशॉप और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स जैसी सुविधाओं के विकास से भी रोजगार बढ़ेगा।
आर्थिक गलियारा बनेगा
चीका-यमुनानगर एक्सप्रेस-वे को भविष्य में एक आर्थिक गलियारे के रूप में विकसित किया जा सकता है। जैसे-जैसे मार्ग के किनारे उद्योग और बाजार स्थापित होंगे, यह क्षेत्र बड़े निवेश का केंद्र बन सकता है। सरकार के विभिन्न औद्योगिक नीतियों के तहत यहां नए कारखाने, गोदाम और लॉजिस्टिक्स हब बन सकते हैं।
पर्यावरण और सुरक्षा को ध्यान में रखकर निर्माण
आधुनिक एक्सप्रेस-वे डिजाइन में पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाता है। इसमें ग्रीन बेल्ट, साउंड बैरियर, ओवरब्रिज, अंडरपास और सर्विस लेन जैसी सुविधाएं शामिल की जाएंगी, जिससे यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर का अनुभव मिलेगा।
स्थानीय विकास पर सीधा असर
एक्सप्रेस-वे के आसपास नए आवासीय और व्यावसायिक प्रोजेक्ट भी विकसित होंगे। भूमि की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, जिससे किसानों और जमीन मालिकों को आर्थिक लाभ मिलेगा। साथ ही, बेहतर कनेक्टिविटी के कारण शिक्षा संस्थान, अस्पताल और मार्केट भी इन क्षेत्रों में तेजी से विकसित होंगे।
भविष्य की दिशा
यह नया मार्ग केवल एक सड़क नहीं, बल्कि एक विकास की धुरी है, जो आने वाले वर्षों में उत्तर भारत के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को बदलने में अहम भूमिका निभाएगा। कैथल, कुरुक्षेत्र, पिहोवा, यमुनानगर और चीका जैसे क्षेत्रों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिसे सही तरीके से उपयोग में लाया जाए तो यह इलाके की किस्मत बदल सकता है।
चीका-यमुनानगर एक्सप्रेस-वे का निर्माण न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि व्यापार, उद्योग, पर्यटन और रोजगार के नए दरवाजे खोलेगा। इसे सही मायनों में उत्तरी हरियाणा का ‘नेकलेस’ कहा जा सकता है, जो पूरे क्षेत्र को विकास की नई रफ्तार देगा।