UP Expressway News: उत्तर प्रदेश के शामली समेत इन जिलों से होकर गुजरेगा ये हाईवे, इन किसानों की होगी मौज

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UP Expressway News: उत्तर प्रदेश के शामली समेत इन जिलों से होकर गुजरेगा ये हाईवे, इन किसानों की होगी मौज

UP Expressway News: मुज्जफरनगर (अनु सैनी)। उत्तर प्रदेश देश में एक्सप्रेसवे की सबसे अधिक संख्या वाला राज्य है। गंगा एक्सप्रेसवे जो 570 किलोमीटर लंबा है, प्रदेश में अपनी तरह की एक महत्वपूर्ण सड़क परियोजना है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश में एक और लंबा और आधुनिक एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जो गोरखपुर से शामली तक फैला होगा। यह नया एक्सप्रेसवे करीब 700 किलोमीटर लंबा होगा और 6 लेन चौड़ा बनाया जाएगा। इसे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसका मतलब है कि यह पूरी तरह से नई सड़क होगी, जो ग्रामीण और शहरी इलाकों को जोड़ने में मदद करेगी।

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गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे की खासियत | UP Expressway News

यह एक्सप्रेसवे राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ने वाला दूसरा सबसे बड़ा सुपरफास्ट मार्ग होगा। इससे न केवल यात्रा के समय में भारी कटौती होगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। वर्तमान में गोरखपुर से पश्चिमी यूपी के हिस्सों में आने-जाने में अधिक समय लगता है, लेकिन इस एक्सप्रेसवे के बनने से यह सफर तेजी से और सुविधाजनक हो जाएगा। उदाहरण के तौर पर, मसूरी, देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसी प्रसिद्ध पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा।

22 जिलों को मिलेगा लाभ

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों और 37 तहसीलों से होकर गुजरेगा। जिन जिलों से यह मार्ग होकर गुजरेगा, उनमें गोरखपुर, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर, बहराइच, सीतापुर, लखनऊ, हरदोई, बिजनौर, अमरोहा, सहारनपुर, आगरा, मुजफ्फरनगर, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बरेली, संभल, मेरठ और शामली शामिल हैं। इन जिलों के किसानों और ग्रामीणों को इस एक्सप्रेसवे से विशेष लाभ होगा। इस मार्ग के बनने से किसानों की जमीनों के दाम बढ़ेंगे और उनके उत्पादों को बाज़ार तक पहुंचाने में आसानी होगी। साथ ही, इन जिलों में नए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे, जिससे आर्थिक विकास को बल मिलेगा।

यात्रा समय में भारी कमी

गोरखपुर से शामली तक की दूरी भी इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद करीब 200 किलोमीटर कम हो जाएगी। जो लोग पहले 12 घंटे से अधिक समय में पूर्वी यूपी से पश्चिमी यूपी के हिस्सों में पहुंच पाते थे, अब वे केवल 6 घंटे में सफर पूरा कर पाएंगे। इसके अलावा, गोरखपुर से हरिद्वार तक का सफर भी महज 8 घंटे में तय हो सकेगा। इस बदलाव से न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि परिवहन लागत भी कम होगी, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में स्थिरता आएगी।

निर्माण की तैयारी और अनुमानित लागत

इस महत्तवपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो चुकी है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के बाद इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में करीब 35 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। यह राशि पूरे प्रदेश की आर्थिक स्थिति और विकास के लिए एक बड़ा निवेश माना जा रहा है। 6 लेन के इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों से किया जाएगा, जिससे पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित होगा।

प्रदेश के विकास में एक्सप्रेसवे की भूमिका

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे न केवल एक सड़क परियोजना है, बल्कि यह पूरे उत्तर प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के बीच आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संपर्क को मजबूत करने वाला माध्यम भी होगा। इससे क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी, औद्योगिक निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही, इस एक्सप्रेसवे से पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि कई धार्मिक और पर्यटन स्थल अब बेहतर कनेक्टिविटी के कारण अधिक लोगों तक पहुंच सकेंगे।
उत्तर प्रदेश का यह नया गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। 22 जिलों को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे न केवल लोगों की यात्रा को सरल, सुरक्षित और तेज बनाएगा, बल्कि किसानों, व्यापारियों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। प्रदेश में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और जीवनस्तर में सुधार होगा। यूपी की जनता के लिए यह एक बड़ी सौगात होगी, जो पूरब से पश्चिम तक सुपरफास्ट सफर का सपना हकीकत में बदल देगी।