Snake Bite: यूपी में चमत्कार, कोबरा के डसने के बाद 2 घंटे में 76 इंजेक्शन, मौत के मुंह से लौट आया किशोर

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Muzaffarnagar News: यूपी में चमत्कार, कोबरा के डसने के बाद 2 घंटे में 76 इंजेक्शन, मौत के मुंह से लौट आया किशोर

मुजफ्फरनगर (सच कहूँ/अनु सैनी)। Snake Bite: 15 अगस्त की सुबह… उदैतापुर गांव के खेतों में हल्की धूप खिली थी। किसान दिलीप कुमार का बेटा करन अपने बड़े भाई सूरज के साथ लकड़ियां बटोरने निकला था। दोनों भाई खेत के किनारे बाग में डंडियां इकट्ठा कर रहे थे। अचानक झाड़ियों के बीच सरसराहट हुई और देखते ही देखते एक जहरीला कोबरा फुफकारता हुआ निकला। करन संभल पाता, इससे पहले ही सांप ने उस पर हमला कर दिया। Muzaffarnagar News

करन की चीख सुनकर आसपास के किसान दौड़े, लेकिन तब तक कोबरा अपना काम कर चुका था। डर और घबराहट के बीच सूरज ने हिम्मत जुटाई, डंडे से सांप को मारा और फिर उसे प्लास्टिक के डिब्बे में बंद कर लिया। अब सबसे बड़ी चुनौती थी झ्र करन की जान बचाने की।

8 मिनट की दौड़, जिसने बचा ली जिंदगी | Muzaffarnagar News

गांव से जिला अस्पताल की दूरी महज चार किलोमीटर थी। सूरज ने समय बर्बाद किए बिना भाई को उठाया और ग्रामीणों की मदद से दौड़ पड़ा। महज आठ मिनट में करन को अस्पताल पहुँचा दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि अगर एक पल भी देरी होती, तो शायद करन को बचाना नामुमकिन हो जाता।

डॉक्टरों की जंग: हर डेढ़ मिनट पर इंजेक्शन

अस्पताल की इमरजेंसी में डॉ. हरि माधव शरण और डॉ. निकेतन सक्सेना पहले से मौजूद थे। जैसे ही करन को लाया गया, डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। लेकिन कोबरा का जहर तेजी से पूरे शरीर में फैल रहा था। करन का शरीर अकड़ने लगा, सांसें भारी हो रही थीं।

डॉक्टरों ने तुरंत फैसला लिया झ्र हर डेढ़ मिनट पर एक इंजेक्शन।और फिर शुरू हुआ मौत और जिंदगी के बीच का संघर्ष। एक… दो… दस… पचास… लगातार दो घंटे तक इंजेक्शन लगाए जाते रहे। अंतत: 76वें एंटी-स्नेक वेनम इंजेक्शन के बाद करन की सांसें स्थिर हुईं और उसकी धड़कनें सामान्य होने लगीं।

भारत में पहला ऐसा मामला

डॉक्टर हरि माधव शरण बताते हैं कि अब तक किसी भी मरीज को कोबरा के डसने पर अधिकतम 55 एंटी-स्नेक वेनम दिए गए थे। लेकिन यह पहला मामला है, जब 76 इंजेक्शन देकर किसी की जान बचाई गई। यह घटना मेडिकल साइंस के लिए भी एक रिकॉर्ड बन गई है।

उप मुख्यमंत्री का ट्वीट और सम्मान का ऐलान

जैसे ही खबर फैली, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने ट्वीट कर जिला अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि करन की जान बचाने वाले चिकित्सकों को सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
“पल भर की देरी होती, तो सब खत्म हो जाता”

अस्पताल के सीएमएस डॉ. शक्ति वसु ने कहा, ‘कोबरा सबसे जहरीला सांप है। करन को अगर देर से लाया जाता तो चाहे जितने इंजेक्शन दिए जाते, उसे बचाना मुश्किल हो जाता। समय पर इलाज और डॉक्टरों की टीम वर्क ने चमत्कार कर दिखाया।

कमजोर आर्थिक हालत, लेकिन हौसले बुलंद

करन के पिता दिलीप कुमार एक साधारण किसान हैं। आर्थिक स्थिति कमजोर है, लेकिन इस संकट की घड़ी में गांव के लोग भी उनके साथ खड़े रहे। सभी ने माना कि सूरज की समझदारी और डॉक्टरों की मेहनत ने करन को मौत के मुंह से बाहर खींच लिया।

मौत से लड़ाई जीतने की कहानी

उदैतापुर गांव का यह मामला सिर्फ एक चिकित्सा उपलब्धि नहीं, बल्कि हिम्मत, समय पर उपचार और मानवीय संवेदनाओं की मिसाल है। सूरज की तेज सूझबूझ, ग्रामीणों की मदद और डॉक्टरों का अथक संघर्ष… इन तीनों ने मिलकर करन को मौत से वापस खींच लिया। Muzaffarnagar News

आज करन स्वस्थ है और पूरा गांव गर्व से उसकी कहानी सुनाता है। यह घटना न सिर्फ परिवार के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक यादगार किस्सा बन गई है।

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