Cyber Security India: लखनऊ। उत्तर प्रदेश फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान में आयोजित तीन दिवसीय संगोष्ठी के दूसरे दिन विशेषज्ञों ने साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों और उनके समाधान पर गहन विचार-विमर्श किया। इस दौरान डार्क वेब के माध्यम से हो रही अवैध गतिविधियों तथा क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित प्रयोग को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। Cyber Security News
विशेषज्ञों ने बताया कि साइबर अपराधी डार्क वेब का सहारा लेकर लोगों की व्यक्तिगत जानकारी चुराने, हैक किए गए डाटा बेचने, मादक पदार्थों की तस्करी और मानव तस्करी जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी जो कभी तकनीकी नवाचार मानी जाती थी, अब अवैध कारोबार का प्रमुख साधन बन चुकी है।
पैनल चर्चा के दौरान यह भी कहा गया कि भारत का नया डिजिटल डाटा संरक्षण कानून ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। विशेषज्ञों का मत था कि डार्क वेब की गुमनाम और विकेन्द्रित संरचना अपराधियों तक पहुँचने में बड़ी बाधा है, लेकिन उन्नत प्रौद्योगिकी की मदद से इन्हें ट्रैक करना संभव है।
साइबर सेल अधिकारियों ने जानकारी दी कि देश में अधिकांश साइबर अपराध अब क्रिप्टो प्लेटफॉर्मों पर शिफ्ट हो चुके हैं। इसके समाधान के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ राज्य सरकार भी ठोस कदम उठा रही है। संगोष्ठी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उभरती तकनीकों पर भी चर्चा हुई। विशेषज्ञों का मानना था कि एआई भविष्य में साइबर अपराधों की रोकथाम में उपयोगी भूमिका निभा सकता है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को भी आवश्यक बताया गया। Cyber Security News
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि | Cyber Security News
- साइबर अपराध रोकने के लिए डेटा एन्क्रिप्शन और सुरक्षित संचार माध्यम अपनाए जाएं।
- क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स और एक्सचेंजों में मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य किया जाए।
- क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन की निगरानी के लिए आधुनिक टूल्स और सॉफ्टवेयर का प्रयोग बढ़ाया जाए।
- कानून प्रवर्तन एजेंसियों को डार्क वेब पर निगरानी और सक्रिय कार्रवाई और अधिक मजबूत करनी होगी।
- संगोष्ठी में यह स्पष्ट हुआ कि बदलते तकनीकी परिदृश्य में साइबर सुरक्षा केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक और कानूनी जिम्मेदारी भी है। Cyber Security News
- Adult vaccination: आ गई जरूरी वैक्सीनेशन! यदि नजरअंदाज किया तो होगी परेशानी: विशेषज्ञ