8th Pay Commission: अनु सैनी। सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि का इंतजार हमेशा एक बड़ी खबर होती है। हर बार नया वेतन आयोग जब बनता है, तो इसका सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ता है। वर्तमान में 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार और विशेषज्ञों के बीच चर्चा चल रही है कि वेतन वृद्धि कितनी हो सकती है और इसके लिए फिटमेंट फैक्टर कितना रखा जाएगा। इस लेख में हम फिटमेंट फैक्टर क्या होता है, कैसे कैलकुलेशन किया जाता है और 50 हजार रुपये सैलरी वाले कर्मचारी की वेतन वृद्धि कितनी हो सकती है, इसे विस्तार से समझेंगे।
फिटमेंट फैक्टर क्या है? 8th Pay Commission
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक (Multiplier) होता है, जिससे मौजूदा मूल वेतन (Basic Pay) को गुणा करके नया वेतन तय किया जाता है। वेतन आयोग के दौरान यह तय किया जाता है कि कितना फिटमेंट फैक्टर दिया जाएगा।
उदाहरण के लिए:-अगर फिटमेंट फैक्टर 2 है, तो 50,000 रुपये के मूल वेतन को 2 से गुणा करने पर नया वेतन 1,00,000 रुपये होगा। इससे कर्मचारी का मूल वेतन दुगना हो जाएगा।फिटमेंट फैक्टर जितना अधिक होगा, वेतन वृद्धि भी उतनी ही अधिक होगी।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर की संभावित रेंज | 8th Pay Commission
हाल की रिसर्च रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर निम्न प्रकार से हो सकता है:-
केस फिटमेंट फैक्टर (Estimate) अनुमानित वेतन वृद्धि (Salary Hike)
बेस केस (Base Case) 1.83 लगभग 14%
मीडियन केस (Median Case) 2.15 लगभग 34%
अपर केस (Upper Case) 2.46 लगभग 54%
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ ने अपनी रिपोर्ट में 1.8 फिटमेंट फैक्टर का अनुमान लगाया है, जिससे 13% की वृद्धि संभव है।
फिटमेंट फैक्टर के साथ वेतन वृद्धि का कैलकुलेशन कैसे करें?
फिटमेंट फैक्टर का मतलब है कि मौजूदा मूल वेतन को उस फैक्टर से गुणा कर नया मूल वेतन तय करना। पर ध्यान रखें कि जब नया वेतन आयोग लागू होगा, तो महंगाई भत्ता (DA) शून्य हो जाएगा, क्योंकि नया DA पुनः तय किया जाएगा।
इसलिए, प्रभावी वेतन वृद्धि सिर्फ फिटमेंट फैक्टर से गुणा करने से कम होती है।
7वें वेतन आयोग से 8वें वेतन आयोग की तुलना
2016 में 7वें वेतन आयोग लागू हुआ था, जिसमें फिटमेंट फैक्टर 2.57 था।
6वें वेतन आयोग के अंतर्गत न्यूनतम वेतन था:-
मूल वेतन = 7,000 रुपये
DA = 8,750 रुपये
HRA = 2,100 रुपये
TA = 1,350 रुपये
कुल = 19,200 रुपये
7वें वेतन आयोग लागू होने के बाद:-
मूल वेतन = 18,000 रुपये (7,000 x 2.57)
DA = 0
HRA = 4,320 रुपये
TA = 1,350 रुपये
कुल = 23,670 रुपये
इससे कुल वेतन में लगभग 14.3% की प्रभावी वृद्धि हुई।
उदाहरण: 50,000 रुपये सैलरी वाले कर्मचारी के लिए 8वें वेतन आयोग की संभावित वेतन वृद्धि मान लेते हैं कि किसी सरकारी कर्मचारी का वर्तमान वेतन इस प्रकार है:-
वेतन का घटक राशि (रुपये) कैलकुलेशन नोट्स
मूल वेतन (Basic Pay) 50,000 –
HRA (24%) 12,000 50,000 का 24%
TA (Travel Allowance) 2,160 स्थिर माना गया
DA (Dearness Allowance) 27,500 55% DA पर कैलकुलेट
कुल वेतन 91,660 सभी जोड़कर
1. फिटमेंट फैक्टर 1.82 के साथ कैलकुलेशन
नया मूल वेतन = 50,000 x 1.82 = 91,000 रुपये
नया HRA = 91,000 का 24% = 21,840 रुपये
TA = 2,160 रुपये (यथावत)
DA = 0 (नया वेतन आयोग लागू होते ही DA रीसेट होगा)
नया कुल वेतन = 91,000 + 21,840 + 2,160 + 0 = 1,15,000 रुपये (लगभग)
इस हिसाब से कुल वेतन में लगभग 25.46% की वृद्धि होगी।
2. फिटमेंट फैक्टर 2.15 के साथ कैलकुलेशन
नया मूल वेतन = 50,000 x 2.15 = 1,07,500 रुपये
नया HRA = 1,07,500 का 24% = 25,800 रुपये
TA = 2,160 रुपये (यथावत)
DA = 0
नया कुल वेतन = 1,07,500 + 25,800 + 2,160 + 0 = 1,35,460 रुपये (लगभग)
इस हिसाब से कुल वेतन में लगभग 47.78% की वृद्धि होगी।
ध्यान देने योग्य बातें
उपरोक्त कैलकुलेशन अनुमानित फिटमेंट फैक्टर पर आधारित हैं। असल में फिटमेंट फैक्टर आयोग की सिफारिशों और सरकार के निर्णय के बाद तय होगा। महंगाई भत्ता (DA) नई बेसिक सैलरी के साथ फिर से तय होगा, इसलिए शुरुआत में DA 0 मानकर कैलकुलेशन किया जाता है। TA और HRA जैसे भत्ते में भी नियमों के अनुसार बदलाव हो सकते हैं।
8वें वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों को अच्छी वेतन वृद्धि की उम्मीद है। अगर फिटमेंट फैक्टर 1.8 से लेकर 2.15 के बीच रहता है, तो 50,000 रुपये के मूल वेतन वाले कर्मचारी का कुल वेतन लगभग 25% से 48% तक बढ़ सकता है।
यह वेतन वृद्धि न केवल कर्मचारियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी गति देगी। हालांकि, यह सब अभी अनुमान है और अंतिम निर्णय आयोग के गठन और सिफारिशों के बाद ही स्पष्ट होगा।















