नई दिल्ली। GST News: देश के प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को ऐलान किया था कि दीपावली के अवसर पर जीएसटी में राहत मिलेगी। वहीं इसी को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण ने जीएसटी पर कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाने से आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग एवं और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) को अधिक राहत मिलेगी। साथ ही एक आसान और पारदर्शी कर व्यवस्था सुनिश्चित होगी। वहीं केंद्र सरकार ने कपड़ा उद्योग और उर्वरक क्षेत्र में भी जीएसटी सुधार का प्रस्ताव रखा है। कपड़ा उद्योग को राहत मिलने से रोजगार और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। उर्वरकों पर टैक्स कम करने से किसानों को खेती की लागत घटेगी।
सभी राज्यों ने मानी बात | GST News
उधर वस्तु एवं सेवा कर की दरों को तर्कसंगत बनाने को लेकर राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की महत्वपूर्ण बैठक में मोदी सरकार के प्रस्ताव को मान लिया गया। मीटिंग में टैक्स स्लैब को घटाकर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत करने के केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा की गई, जिस पर जीओएम ने सहमति जताई है। केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़े पैमाने पर बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जिसमें 12% और 28% स्लैब को हटाकर केवल 5% और 18% की दो दरें रखने की बात कही गई है। इसके अलावा, तंबाकू और पान मसाला जैसे गुड्स पर 40% की विशेष दर लागू की जा सकती है।
दिवाली तक लागू हो सकता है नया ढांचा
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ संकेत दिया है कि नया जीएसटी सुधार दिवाली तक लागू हो सकता है। इससे पहले 2017 में जीएसटी लागू होने पर इसे भारत का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया गया था। अब एक बार फिर बड़े बदलाव की तैयारी है, जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा।
आम लोगों पर असर | GST News
अगर प्रस्ताव लागू होता है तो इसके नतीजे आम लोगों की जिंदगी में बड़े बदलाव ला सकते हैं:
1. जरूरी सामान सस्ते होंगे शिक्षा, स्वास्थ्य, दवाइयां और खाद्य सामग्री कम दामों पर उपलब्ध होंगी।
2. घरेलू उपकरण किफायती होंगे, टीवी, एसी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसे उत्पाद सस्ते होंगे।
3. बीमा और सेवाओं पर राहत, बीमा प्रीमियम कम होगा, जिससे आम लोग आसानी से बीमा करा सकेंगे।
4. किसानों को सहारा, कृषि उपकरण सस्ते होने से खेती-किसानी की लागत घटेगी।
5. नकारात्मक वस्तुओं पर बोझ, तंबाकू और आॅनलाइन गेमिंग महंगे होंगे ताकि इनकी खपत और लत को रोका जा सके।
नया जीएसटी रिफॉर्म भारत की टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसका मकसद न केवल परिवारों और मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ घटाना है, बल्कि किसानों, छात्रों और महिलाओं को राहत देना भी है।
हालांकि, अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल के हाथ में है। अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो दिवाली तक भारत को 2017 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार देखने को मिलेगा।
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