दारूल उलूम देवबंद से नंगलाराई में जलसे में पहुंचे मौलाना सलमान ने किया संबोधन
- बोले, नशा मुक्त समाज के लिए जागरूकता जरूरी
कैराना (सच कहूँ न्यूज़)। Kairana News: दारूल उलूम देवबंद के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना सलमान बिजनौरी नक्शबंदी ने कहा कि सूद और कर्ज से मुसलमानों को बचना होगा, क्योंकि ये परेशानी का कारण बनते हैं। हराम कमाई से बचना जरूरी है। सही नीयत और हलाल कमाई से रोजी में बरकत होती है। उन्होंने समाज को नशा मुक्त बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का भी आह्वान किया। बुधवार देर रात गांव नंगलाराई स्थित मदरसा तालीमुल कुरआन फतहिया में एक भव्य जलसे का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ मोहम्मद अफ्फान की तिलावत व हाफिज फुरकान की नात से हुआ।
कार्यक्रम में दारूल उलूम देवबंद के हदीस के वरिष्ठ उस्ताद मौलाना सलमान बिजनौरी नक्शबंदी ने अध्यक्षीय संबोधन में समाज को बुराइयों से बचने और हलाल कमाई पर ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अल्लाह की रहमत असीम है, लेकिन कानून उतने ही सख्त है। नमाज पढ़ें, कुरआन की कसरत से तिलावत करें, कर्ज—सूद से दूरी, नशे से मुक्ति और आपसी झगड़ों का अंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इंसान हक से ज्यादा लेने की नीयत न करें, क्योंकि कयामत में इसका हिसाब देना होगा। जो व्यक्ति झगड़े खत्म करने के लिए अपने हिस्से से भी दे देता है, तो अल्लाह उसकी इज्जत बढ़ाता है और कयामत के दिन माफी देगा। मौलाना ने युवाओं से मेहनत करने, होटलों—ढ़ाबों पर समय की बर्बादी से बचने और हलाल रोजी पर ध्यान देने की अपील की। Kairana News
उन्होंने कहा कि समाज की तरक्की के लिए बुराइयों को खत्म करना और गुनाहों से बचना जरूरी है, क्योंकि गुनाह रोजी को कम करते हैं। उन्होंने मस्जिद—मदरसों के इमामों एवं शिक्षकों की तनख्वाह बढ़ाने पर भी बल दिया। मुख्य अतिथि मौलाना हबीबुल्लाह मदनी ने कहा कि पैगंबर साहब शरीयत का पैगाम लेकर आए, जिसने गुमराही और शिर्क को खत्म किया। उन्होंने कहा कि आज के फितने के दौर में ईमान कमजोर हो रहा है। सोशल मीडिया पर गलत चीजें देखने से ईमान को नुकसान पहुंचता है। मजबूत ईमान वाला व्यक्ति हर हाल में अल्लाह की रस्सी थामे रखता है। उन्होंने मुसलमानों से नमाज, हदीस और ईमान को मजबूत करने के लिए मेहनत करने का आह्वान किया। मौलाना आकिल कासमी ने कहा कि शिक्षा इंसान को सही राह दिखाती है और समाज को तरक्की की ओर ले जाती है। मौलाना दानिश ने कहा कि कुरआन और हदीस पर अमल करने से हमें दुनिया और आखिरत में कामयाबी मिलेगी।
कार्यक्रम में मौलाना सलमान बिजनौरी के हाथों पवित्र कुरआन हिफ्ज करने वाले शादाब, शाबान, हारिस, आसमोहम्मद व अयान को दस्तारबंदी की गई। इसके अलावा कुरआन नाजरा पढ़ने वाली सना सहित 12 छात्राओं को भी दस्तारबंदी हुई। अंत में मदरसे के मोहतमिम मौलाना सलीम कासमी ने वार्षिक आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया और सभी आगंतुकों का धन्यवाद दिया। मौलाना सलमान बिजनौरी की दुआ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर मौलाना इरफान सुन्हेटी, मौलाना बिलाल, मौलाना मुरसलीन, मौलाना अहसान, मौलाना तालिब, मौलाना मेहरबान, मौलाना शाहवेज, मौलाना वासिल, हाफिज सालिम, कारी तलहा, कारी जावेद, डॉ. हाशिम, डॉ. मारूफ आदि मौजूद रहे।
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