कहा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए 8 कैबिनेट मंत्रियों की लगाई ड्यूटी
फिरोजपुर (सच कहूँ/जगदीप सिंह)। Firozpur News: जब पंजाब का पानी दूसरे राज्यों को दिया गया था, तब केन्द्र सरकार उन राज्यों से पंजाब की बर्बादी की भरपाई में भी हिस्सा डलवा देती। आज बरसात के पानी से सारा नुक्सान पंजाब झेल रहा है। गैर-रिपेरियन राज्य अक्सर डैमों में पानी भरने की सलाह देते हैं ताकि उन्हें सालभर पानी मिलता रहे, लेकिन धीरे-धीरे पानी छोड़ा जाता है। उपरोक्त शब्द जल संसाधन मंत्री बरिन्द्र गोयल ने फिरोजपुर के गांव टेंडीवाला, गजनीवाला व धीरा घारा में बढ़ते जल स्तर से प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान कहे। Firozpur News
गोयल ने कहा कि नदियों में बढ़े जल स्तर से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की लगातार निगरानी की जा रही है। पंजाब सरकार ने राहत कार्यों की देखरेख के लिए 8 कैबिनेट मंत्रियों की ड्यूटी लगाई है, जो विभिन्न जिलों का दौरा कर प्रभावित गांवों तक पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी बाढ़ प्रभावित गांव छूट न जाए, इसके लिए सैक्टरों में बाँटकर अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने बताया कि बाढ़-रोधी कार्यों पर पंजाब सरकार ने 276 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसके अलावा बांधों पर मिट्टी से भरे बोरे रखे गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत इस्तेमाल किया जा सके। इस दौरान मंत्री ने पीड़ित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को मौके पर जरूरतमंदों तक हरसंभव सहायता पहुँचाने के आदेश दिए।
सेना की सहमति मिले तो गजनीवाला पुल का निर्माण संभव: गोयल
गजनीवाला-दोना मत्तड़ क्षेत्र के लोग नाव पर सवार होकर सतलुज पार कर खेती करने जाते हैं। कई बार तेज बहाव के कारण हादसों से बाल-बाल बचे हैं। उन्होंने मंत्री गोयल के ध्यान में यह समस्या लाई। बताया कि करीब 2-3 हजार एकड़ जमीन नदी के पार है, जहां तक जाने के लिए इसी रास्ते से नदी पार करनी पड़ती है, लेकिन इन दिनों पानी बढ़ने से बड़े हादसे का डर बना हुआ है।
स्थानीय लोगों ने पुल की मांग रखी, तो कारण बताया गया कि यह इलाका बॉर्डर क्षेत्र है। इस पर मंत्री ने कहा कि यहां पुल बनाने के लिए सेना की सहमति जरूरी है। अगर सहमति मिल जाए तो इस समस्या का समाधान संभव है और वे इसके लिए प्रयास करेंगे। Firozpur News
फसल का नुक्सान भी होता है, लेकिन गिरदावरी न होने से मुआवजा नहीं मिलता
बार-बार आ रही बाढ़ से प्रभावित लोगों ने कैबिनेट मंत्री गोयल को बताया कि पिछली सरकारों ने उनकी जमीनों की गिरदावरी तोड़कर सरकार के नाम कर दी थी। जबकि इन जमीनों को उन्होंने खेती योग्य बनाया और हर साल खुद फसल बोते हैं। लेकिन सतलुज में बार-बार आई बाढ़ से उनकी फसलें तबाह हो जाती हैं और आर्थिक नुकसान उन्हें उठाना पड़ता है।
गिरदावरी उनके नाम पर न होने के कारण उन्हें मुआवजा भी नहीं मिलता। वहीं मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने मंत्री के ध्यान में लाया कि उनकी गिरदावरी संबंधी कुछ अपीलें अभी माननीय सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार किसानों की फसल व अन्य नुकसानों की भरपाई केंद्र द्वारा तय किए गए मुआवजे अनुसार करेगी। Firozpur News
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